हाई कोर्ट की खिंचाई के बाद केरल सरकार का पीएफआई कार्यकर्ताओं की संपत्तियों पर एक्शन

Last Updated 20 Jan 2023 07:59:21 PM IST

देश भर में छापेमारी और इसके नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए नुकसान की वसूली में देरी के लिए केरल उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को फटकार लगाने के दो दिन बाद राजस्व अधिकारियों ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए पीएफआई कार्यकर्ताओं की संपत्तियों को कुर्क करना शुरू कर दिया।


केरल सरकार का पीएफआई कार्यकर्ताओं की संपत्तियों पर एक्शन

राज्य के विभिन्न जिलों में, राजस्व अधिकारियों ने सुबह से ही बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों के साथ कई पीएफआई कार्यकर्ताओं के घरों और संपत्तियों को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी।

जिन लोगों की संपत्ति राज्य सरकार ने अपने कब्जे में ली उनमें पीएफआई के पूर्व महासचिव- कोल्लम जिले के करुनागपल्ली में अब्दुल सथार शामिल थे, जिनका दो मंजिला घर और 13 सेंट जमीन कुर्क की गई थी। अन्य जिलों की सूची में वायनाड में 14 कार्यकर्ता, तिरुवनंतपुरम, कोट्टायम और त्रिशूर में पांच-पांच और कासरगोड में चार कार्यकर्ता शामिल हैं।

राज्य ने 23 दिसंबर को अदालत को सूचित किया था कि 23 सितंबर के बंद के दौरान राज्य भर में संपत्तियों को हुआ कुल नुकसान 5.20 करोड़ रुपये था। उसी दिन, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) वी. वेणु, जिन्हें अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, उन्होंने देरी के लिए माफी मांगी और नुकसान की वसूली के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वसूली के लिए कदम 15 जनवरी से पहले किए जाएंगे और सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए एक महीने का समय देने का अनुरोध किया।

लेकिन बुधवार को अदालत ने धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वह 23 जनवरी को अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट पेश करें कि जिलों में वसूली की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और मामले को 24 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया।

संयोग से, जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और सीपी मोहम्मद नियास की खंडपीठ ने पीएफआई के खिलाफ कार्यवाही का स्वत: संज्ञान लिया और सभी निचली अदालतों को निर्देश दिया, जहां भी मामले दर्ज किए गए हैं, मुआवजे का भुगतान किए बिना किसी को भी जमानत पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। अगर मुआवजे का भुगतान नहीं किया जाता है, तो इसमें शामिल सभी लोगों की निजी संपत्तियों को जब्त करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

ऐसा पहली बार हुआ है कि इस तरह की कार्रवाई हुई है जहां बड़ी संख्या में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की संपत्ति कुर्क की गई है।

आईएएनएस
कोच्चि


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment