असम : थाने पर हमला करने वालों के घरों पर चला बुलडोजर
असम के नगांव जिले में भीड़ द्वारा एक थाने को आग लगाए जाने के एक दिन बाद ऐसे कई लोगों के घरों को बुलडोजर से ढहा दिया गया जिन पर आगजनी की घटना में शामिल होने का संदेह था।
![]() असम में थाने पर हमला करने वालों के घरों पर चला बुलडोजर |
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि 21 मई को सालनाबोरी गांव में एक स्थानीय निवासी सफीकुल इस्लाम की कथित हिरासत में मौत के बाद बटाद्रवा थाने में आग लगा दी गई थी। इसके बाद गांव के कई निवासियों के घरों को बुलडोजर के जरिये ध्वस्त कर दिया गया। ग्रामीणों ने दावा किया कि इस्लाम के घर को भी ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि, जिला प्रशासन ने दावा किया कि उसने रविवार को गांव में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ बेदखली अभियान शुरू किया था।
विशेष पुलिस महानिदेशक जी. पी. सिंह ने कहा कि पुलिस स्टेशन में आगजनी में शामिल कई लोगों ने उस जमीन पर कब्जा कर रखा था, जिस पर वे रहते थे और स्वामित्व दिखाने के लिए उन्होंने जाली दस्तावेज बनवाए थे। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने मामला दर्ज कर जिला प्रशासन को सतर्क किया, जिसने बेदखली अभियान चलाया।’ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि जिला प्रशासन ने छह घरों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों पर इस्लाम के रिश्तेदारों के घरों को तोड़ने का भी आरोप लगाया। पुलिस थाने में आगजनी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर रही है, जबकि इस्लाम की कथित हिरासत में मौत की अलग से जांच की जा रही है।
विपक्ष ने घर तोड़ने को बताया ‘प्रतिशोध’
असम में विपक्षी दलों ने नगांव जिले में एक थाने को जलाने में कथित रूप से शामिल ग्रामीणों के घरों को बुलडोजर से गिराने और हिरासत में एक शख्स की मौत होने के बाद थाने को आग लगाने की घटनाओं की सोमवार को निंदा की।
उधर, सत्तारूढ़ भाजपा ने प्रशासन की कार्रवाई का बचाव करते हुए बटाद्रवा थाने को जलाने के लिए ‘जिहादियों’ को जिम्मेदार ठहराया है। दरअसल, पुलिस ने शुक्रवार रात को सफीकुल इस्लाम नाम के शख्स को हिरासत में लिया था जिसकी थाने में मौत हो गई थी। इसके बाद भीड़ ने शनिवार को थाने को आग लगा दी।
जिला प्रशासन ने अगले दिन यानी रविवार को इस्लाम के सालनाबोरी गांव में तोड़फोड़ अभियान चलाया और मृतक तथा उसके कई रिश्तेदारों के घर तोड़ दिए और आरोप लगाया कि उन्होंने ‘अतिक्रमण’ किया था और वे ‘भूमि के जाली दस्वातेजों’ के आधार पर वहां रह रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस ने अपने कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी के नेतृत्व में सात सदस्यीय समिति को बटाद्रवा का दौरा करने और वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए नियुक्त किया है। इसमें बटाद्रवा के विधायक सिबामोनी बोरा भी शामिल हैं।
ट्विटर पर कांग्रेस सांसद अब्दुल खालीक ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी थाने पर किसी भी तरह के हमले का समर्थन नहीं करेगी लेकिन संदिग्ध हमलावरों के घरों को तोड़ना ‘मानवाधिकारों का सीधा हनन’ है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि थाने में आग लगाने की घटना ‘चिंता का विषय’ है जो कानून के शासन में लोगों के कम होते विश्वास को दर्शाता है।
थाने पर हमले को ‘संगठित आतंकवादी कृत्य’ करार देते हुए, सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया कि आगजनी में ‘प्रशिक्षित जिहादी’ शामिल थे। भाजपा ने तोड़फोड़ अभियान का स्वागत किया है।
| Tweet![]() |