पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर सिद्धू ने आलाकमान को दिया धन्यवाद, शेयर की एक तस्वीर

Last Updated 19 Jul 2021 04:10:26 PM IST

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर शीर्ष नेतृत्व का आभार जताते हुए सोमवार को कहा कि वह राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए और अधिक काम करेंगे।




अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू बोले- सभी को शुक्रिया (फाइल फोटो)

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को रविवार रात पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) का प्रमुख नियुक्त किया। सिद्धू ने सुनील जाखड़ की जगह ली है।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद सिद्धू को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।        

सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘आज से हम सभी को एक ही सपने के लिए आगे बढकर काम करना और पंजाब में कांग्रेस के अजेय किले को मजबूत करना है। मैं माननीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का विशेष रूप से आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विास किया और मुझे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी।’’        

पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जीतेगा पंजाब‘ के मिशन को पूरा करने के लिए मैं पंजाब में कांग्रेस परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ मिलकर काम करूंगा। हमारा उद्देश्य कांग्रेस आलाकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे और पंजाब मॉडल के जरिए लोगों की शक्ति को उन्हें वापस लौटाना है। मेरा सफर अभी शुरू हुआ है।’’        

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है। ये नियुक्तियां पार्टी में आंतरिक कलह के बाद हुईं है जिससे पार्टी की प्रदेश इकाई सिंह और सिद्धू के प्रति निष्ठा रखने वाले गुटों में विभाजित हो गई।       

पंजाब इकाई के नये कार्यकारी अध्यक्ष हैं.. संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा। ये सभी विभिन्न क्षेत्रों एवं जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

सिद्धू ने ट्विटर पर अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘केवल कुछ लोगों के बीच नहीं बल्कि सभी के साथ समृद्धि, विशेषाधिकार और स्वतंत्रता साझा करने के लिए मेरे पिता जोकि कांग्रेस के एक कार्यकर्ता थे, उन्होंने एक शाही जिंदगी छोड़कर देश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। उन्हें उनके देशभक्ति कार्य के लिए मौत की सजा दी गई थी, किंग्स एमनेस्टी से राहत मिली और वह डीसीसी अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी और महाधिवक्ता बने ।’’    

 

 

भाषा
चंडीगढ़


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