विशाखापट्टनम में दवा कंपनी में लीक हुई गैस, 2 लोगों की गई जान, चार अस्पताल में भर्ती

Last Updated 30 Jun 2020 09:28:16 AM IST

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक बार फिर गैस रिसाव की घटना हुई है। सोमवार रात एक फार्मास्युटिकल कंपनी में बेन्जीमिडेजोल गैस रिसाव होने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


यह घटना शहर के परवादा इलाके में जवाहर फार्मा सिटी में स्थित फार्मा कंपनी सेनर लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड में सोमवार रात 11.30 बजे के आसपास हुई, हालांकि यह मंगलवार तड़के सामने आया।

राजस्व विभागीय अधिकारी पी. किशोर ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया कि हाइड्रोजन सल्फाइड का रिसाव हुआ जब इसे एक रिएक्टर से दूसरे में पंप किया जा रहा था।

शुरू में, लीक हुई गैस के बेन्जीमिडेजोल होने की आशंका जताई गई थी।

गैस की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य अस्पताल में भर्ती हैं, इनमें से एक की हालत गंभीर है।

मृतकों की पहचान शिफ्ट इंचार्ज आर. नरेंद्र (33) और केमिस्ट एम. गौरी शंकर (26) के रूप में हुई है।

एक सहायक एल.वी. चंद्रशेखर की हालत गंभीर है, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। अन्य खतरे से बाहर हैं और उनकी पहचान पी. आनंद बाबू ( एक सहायक) और डी. जानकी राव और एम. सूर्य नारायण (दोनों केमिस्ट) के रूप में हुई।

विशाखापट्टनम के पुलिस अधीक्षक आर. के. मीणा और जिला अधिकारी विनय चंद ने संयंत्र का दौरा किया। जिलाअधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने घटना के बारे में जानाकरी ली है। एहतियात के तौर पर फैक्ट्री को बंद कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया है, "अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि रिसाव केवल रिएक्टर यूनिट तक ही सीमित था और घबराने की जररूत नहीं है क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है।"

मीणा ने संवाददाताओं से कहा कि घटना के संदर्भ में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की जाएगी और जांच की जाएगी।

आरडीओ ने कहा कि गैस रिसाव पर तुरंत काबू कर लिया गया। फार्मा सिटी या आसपास के इलाकों में अन्य इकाइयों को कोई खतरा नहीं है।

पेंदुर्थी के विधायक अन्नमरेड्डी अदीप राज ने कहा कि कंपनी प्रबंधन की लापरवाही से गैस का रिसाव हुआ। उन्होंने कहा कि गैस पंप करते समय आवश्यक सावधानी नहीं बरती गई और इससे हादसा हुआ।

पांच साल में कंपनी में हुई यह दूसरी घटना है। सितंबर 2015 में सेनॉर लाइफ साइंसेज के सक्रिय दवा सामग्री निर्माण संयंत्र में एक रिएक्टर विस्फोट में एक फार्मासिस्ट सहित दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी और पांच घायल हो गए थे।

इससे पहले इस साल 7 मई को एलजी पॉलिमर प्लांट में स्टायरीन गैस रिसाव हादसे में कुल 12 लोगों की मौत हो गई थी और आसपास के गांवों के लगभग 500 लोग प्रभावित हुए थे।


 

आईएएनएस
विशाखापट्टनम


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