दलित महिला बलात्कार और हत्या मामला, एसआईटी जांच में अभी दखल की जरूरत नहीं : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि एक दलित महिला की बलात्कार के बाद उसकी हत्या के मामले की छानबीन के लिए राज्य पुलिस की एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में इस चरण में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है.
केरल हाईकोर्ट (फाइल फोटो) |
अदालत ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका की सुनवाई 30 मई तक टाल दी.
वकील टी बी मिनी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति ए एम शफीक और न्यायमूर्ति के रामकृष्णन की अवकाशकालीन पीठ ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी मीडिया में आने वाली खबरों से निर्देशित नहीं हो सकते.
केरल सरकार की तरफ से पेश हुए महानिदेशक (अभियोजन) ने अदालत को बताया कि विधि छात्रा का बलात्कार और उसकी हत्या की जांच चल रही है और अहम चरण में है.
उन्होंने यह भी कहा कि एसआईटी जांच में हुई प्रगति का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है. इसके बाद अदालत ने जनहित याचिका की सुनवाई 30 मई तक के लिए टाल दी.
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोल्लम जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र घटना की सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार है.
सिंह ने कहा, \'\'हत्या की सीबीआई जांच होनी चाहिए. देश के गृह मंत्री के तौर पर मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि राज्य सरकार की ओर से सिफारिश किए जाने के तुरंत बाद हम सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार हैं.\'\'
गृह मंत्री ने कहा कि दोषियों को सजा दिलाई जाएगी. बीते 28 अप्रैल को एर्नाकुलम जिले के पेरूम्बवूर में एक गरीब परिवार की 30 साल की विधि छात्रा से बलात्कार करने के बाद उसकी नृशंस हत्या कर दी गई थी.
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