हिंदी को बढ़ावा दें और स्वदेशी अपनाएं: डीडीयू कॉलेज के वार्षिकोत्सव में मुख्यमंत्री ने कहा
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को छात्रों से हिंदी को बढ़ावा देने, स्वदेशी अपनाने और 2047 तक विकसित भारत को आकार देने में मदद करने के लिए अंत्योदय की भावना को बनाए रखने का आह्वान किया।
![]() दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता |
दिल्ली विश्वविद्यालय के दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) कॉलेज के वार्षिकोत्सव और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए गुप्ता ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार संस्थान के विकास में धन की कमी को बाधा नहीं बनने देगी।
उन्होंने कहा, "इस कॉलेज ने पहले भी बहुत संघर्ष किया है। पिछली सरकार किस तरह के शिक्षा मॉडल की बात करती थी, जहां शिक्षकों और प्रोफेसर को महीनों तक वेतन नहीं मिलता था? मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि धन की कमी के कारण कॉलेज का कोई भी काम बाधित न हो।"
मुख्यमंत्री ने छात्रों से अपनी जड़ों पर गर्व करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, "लोग यह कहने में गर्व महसूस करते हैं कि मेरी हिंदी कमजोर है या मैंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है। मैं कहना चाहती हूं कि हमारा भविष्य तभी सुरक्षित और उज्ज्वल होगा जब हम अपने वर्तमान को गर्व के साथ स्वीकार करेंगे।"
गुप्ता ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें राष्ट्र के लिए मार्गदर्शक बताया। उनके नाम पर इस कॉलेज का नाम रखा गया है।
उन्होंने कहा, "इतनी विविधता वाले देश को चलाना आसान नहीं था, लेकिन यह उनके जैसे व्यक्तित्वों की वजह से ही संभव हो पाया, जिन्होंने अंत्योदय की अवधारणा दी, यानी कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंचना। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी अवधारणा पर चल रहे हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाना भी ज़रूरी है।
उन्होंने कहा, "हम अपने छात्रों को चाहे जो भी डिग्री दें, सबसे महत्वपूर्ण चीज़ देश है।" उन्होंने उम्मीद जताई कि कॉलेज आने वाले वर्षों में अपनी स्वर्णिम और प्लैटिनम जयंती गर्व के साथ मनाएगा।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर गुप्ता ने हिंदी में किए गए एक पोस्ट में, नवनिर्वाचित छात्र संघ को बधाई दी और कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में वेतन और बुनियादी ढाँचे से जुड़े मुद्दों का तेज़ी से समाधान किया है।
उन्होंने पोस्ट में कहा, "हमारी युवा शक्ति 2047 के विकसित भारत की निर्माता है। स्वदेशी अपनाएँ, हिंदी का प्रचार-प्रसार करें और नवाचार की ओर बढ़ें।"
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