आर्ट्स व कॉमर्स के छात्रों को भी मिलेगी Bachelor of Science की Degree

Last Updated 09 Jun 2023 04:41:17 PM IST

देशभर के विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों यानी ग्रेजुएशन के लिए दी जाने वाली डिग्रियों का नाम बदला जा सकता है। यूजीसी द्वारा बनाई जा रही नई पॉलिसी के तहत कॉलेज आर्ट्स और कॉमर्स के छात्रों को भी साइंस के विषयों में बैचलर डिग्री प्रदान कर सकेंगे।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)

यूसीसी की विशेषज्ञ समिति के मुताबिक यदि किसी छात्र ने साढ़े तीन वर्ष में चार साल के कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक क्रेडिट अर्जित कर लिए हैं तो ऐसी स्थिति में वह छात्र वह डिग्री प्राप्त करने के योग्य माना जाना चाहिए।

दरअसल यूजीसी की एक्सपर्ट कमेटी ने इस नए बदलाव की सिफारिश की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यूजीसी ने डिग्री नामकरण की समीक्षा के लिए समिति गठित की थी। अब इस समिति ने अपनी सिफारिश दी है। यूजीसी के मुताबिक नए चार वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम को बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) की डिग्री के रूप में पेश किया जा सकता है। इससे छात्र आर्ट्स, मैनेजमेंट और कॉमर्स स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करने के बावजूद बैचरल आफ साइंस (बीएस) की डिग्री हासिल कर सकेंगे। आर्ट्स, कॉमर्स या मैनेजमेंट के छात्र अपनी इच्छा अनुसार यदि विज्ञान के विषय चुनते हैं तो उन्हें इस कोर्स के लिए बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री मिल सकेगी।

मौजूदा समय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विश्वविद्यालयों को एकाउंट्स और कॉमर्स जैसे विषयों के लिए बीकॉम की डिग्री प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान करता है। आर्ट्स, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में बीए की डिग्री और विज्ञान के विषयों में ग्रेजुएशन करने पर छात्रों को बीएससी की डिग्री प्रदान करने की अनुमति देता है।

हालांकि यूजीसी की इस एक्सपर्ट्स कमेटी ने विज्ञान कार्यक्रमों के लिए बीए और एमए के उपयोग की अनुमति नहीं दी है। यूजीसी अपनी पांच सदस्यीय समिति की सिफारिशों को फीडबैक के लिए पब्लिक डोमेन में साझा कर रहा है।

गौरतलब है कि बीते महीने मई के अंतिम सप्ताह में यूजीसी की एक बैठक में समिति की रिपोर्ट पर चर्चा हुई थी। विचार-विमर्श के बाद आयोग ने नए डिग्री नामों को अंतिम रूप देने से पहले प्रतिक्रिया के लिए अपनी सिफारिशों को सार्वजनिक रूप से साझा करने का निर्णय लिया है।

यूजीसी के मुताबिक नहीं लागू किए जा रहे 4 वर्षीय चार अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम को बीए ऑनर्स, बीकॉम ऑनर्स, या बीएस ऑनर्स कहा जाएगा। यानी इन पाठ्यक्रमों के नामों में ऑनर्स जुड़ा होगा। वहीं चार वर्ष के रिसर्च कार्यक्रमों के नाम में भी ऑनर्स जुड़ा होगा। बीए के ऐसे कार्यक्रमों को बीए ऑनर्स विद रिसर्च और बीकॉम के कार्यक्रमों को बीकॉम ऑनर्स विद रिसर्च के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा विशेषज्ञ समिति ने एमफिल कार्यक्रम को समाप्त करने की सिफारिश की है।

इन नए नामों व बदलावों के बावजूद यूजीसी की विशेषज्ञ समिति ने कहा है कि डिग्री के नए नाम केवल संभावित रूप से लागू होंगे। विभिन्न डिग्रियों के लिए नई शब्दावली का उपयोग किए जाने के बाद भी पुराने डिग्री का नाम फिलहाल चलता रहेगा। यानी कि तीन साल का मौजूदा अंडर ग्रेजुएट ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम, नए लागू होने वाले 4 वर्षीय ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम के साथ जारी रहेगा।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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