महिला से संबंध और Sperm Donation के आरोप में लेफ्टिनेंट कर्नल पर Court Martial की कार्रवाई

Last Updated 08 Jun 2023 04:41:43 PM IST

देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल पर जनरल कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की गई है। आरोप है कि लेफ्टिनेंट ने एक सिविलियन महिला क्लर्क से संबंध बनाए और अपना स्पर्म डोनेट किया।




भारतीय सैन्य अकादमी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल पर जनरल कोर्ट मार्शल की कार्रवाई

महिला का पति सेना में हवलदार है। कोर्ट मार्शल के दौरान दोषी पाए जाने पर लेफ्टिनेंट कर्नल की मूल रैंक समेत बढ़े हुए वेतन की सेवा को छीनने का निर्णय लिया गया है।

रिपोर्टस के मुताबिक, कोर्ट मार्शल की यह प्रक्रिया एक दिन पहले 7 जून को पूरी हुई है। कोर्ट मार्शल की यह प्रक्रिया में अधिकारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर किया है। आरोपों को स्वीकार करने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के तहत सजा के तौर पर लेफ्टिनेंट कर्नल की मूल रैंक, बढ़ी हुई सैलरी और रैंक की तीन साल की सीनियरिटी वापस ले ली गई है।

लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ कोर्ट मार्शल की यह कार्रवाई इसी वर्ष 11 अप्रैल को प्रारंभ की गई थी। कार्रवाई में दोषी पाया गया लेफ्टिनेंट कर्नल सेना के एजुकेशनल कोर से संबंधित है। घटना के वक्त अधिकारी की तैनाती देहरादून के आईएमए में थी। लेफ्टिनेंट कर्नल ने आईएमए में ही काम करने वाली महिला क्लर्क के साथ संबंध बनाए थे। महिला क्लर्क का पति कोर ऑफ इंजीनियर्स में हवलदार पद पर तैनात है। वहीं लेफ्टिनेंट कर्नल भी शादीशुदा हैं और उसके दो बच्चे भी हैं।

कोर्ट मार्शल की कार्रवाई से पता चला है कि लेफ्टिनेंट कर्नल, महिला के इन व्रिटो प्रजनन उपचार के दौरान कई बार उसके साथ गया था और स्पर्म डोनेट किया था। लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्टिंग आईएमए से बाहर होने पर उसने महिला से संपर्क करना बंद कर दिया। इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और फिर सेना के अधिकारियों को इस बारे में बताया।

महिला की शिकायत पर 11 अप्रैल से कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई। कोर्ट मार्शल के दौरान अधिकारी को अपने बचाव का मौका दिया गया। बचाव पक्ष की ओर से दो वकीलों ने दलील भी पेश की थी। कोर्ट मार्शल की कार्यवाही बताती है कि प्रारंभिक प्रक्रिया के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल ने दोषी नहीं होने का अनुरोध किया पेश किया था। इसपर सबूत के रूप में पीड़ित महिला ने व्हाट्सएप चैट, फोन रिकॉडिर्ंग जैसे सबूत उपलब्ध कराए। इन सबूतों के अस्तित्व में आने के उपरांत अधिकारी ने दोषी नहीं होने की अपनी याचिका को वापस ले ली। लगाए गए आरोपों को स्वीकार कर लेने के बाद अधिकारी को दोषी करार दिया गया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment