Excise Policy case : LOC रद्द करने की सरकारी गवाह की अर्जी पर CBI से जवाब तलब
दिल्ली की एक अदालत ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy Scam) में आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा (Dinesh Arora) के आवेदन पर सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जवाब मांगा।
![]() आबकारी नीति घोटाला मामला |
अरोड़ा के आवेदन में उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) को वापस लेने की मांग की गई थी और सवाल किया था कि उनकी क्षमा के बावजूद यह अभी भी प्रभावी क्यों है। इसमें उन्होंने बताया कि HR की 15 जून को नीदरलैंड (Neitherland) जाने की योजना है।
सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) के विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल (MK Nagpal) ने CBI को फटकार लगाई और उस प्रावधान पर सवाल उठाया, जिसके तहत एलओसी को जारी रखा जा सकता है।
न्यायाधीश ने तब सीबीआई के वकील से यह चेतावनी देते हुए एलओसी वापस लेने के लिए कहा कि यदि अदालत कोई आदेश जारी करती है, तो यह सख्त प्रकृति का होगा।
वकील ने तर्क दिया कि देश में अरोड़ा की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एलओसी को जारी रखा गया था।
अदालत ने तब जांच अधिकारी और अधिवक्ता को एलओसी जारी करने और वापस लेने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करने के लिए कहा।
अदालत ने पहले अरोड़ा को मामले में सरकारी गवाह बनाने के सीबीआई के अनुरोध को मंजूर कर लिया था और पिछले साल 16 नवंबर को उसे माफ कर दिया था।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Former Deputy Chief Minister Manish Sisodia), जो कथित तौर पर अरोड़ा के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं, वर्तमान में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आबकारी नीति मामलों के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।
इससे पहले दिन में उच्च न्यायालय ने सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 जून को होनी है।
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