Delhi MCD Mayor Election : इस साल दिल्ली को मिलेगी महिला महापौर

Last Updated 24 Jan 2023 12:54:13 PM IST

तीनों एमसीडी का विलय होने के बाद पहली बार चार दिसंबर को नगर निकाय चुनाव हुए। एमसीडी के परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गयी।


महापौर के चुनाव के बाद राष्ट्रीय राजधानी को पूरे 10 साल बाद एक महापौर मिलेगा।

कानून की विद्वान रजनी अब्बी 2011 में एमसीडी के विभाजन से पहले एमसीडी की आखिरी महापौर थीं।

दिल्ली नगर निगम का गठन अप्रैल 1958 में हुआ था। उसने पुरानी दिल्ली में 1860 काल के ऐतिहासिक टाउन हॉल से अपना सफर शुरू किया और अप्रैल 2010 में इसे सिविक सेंटर परिसर ले जाया गया।

अरुणा आसफ अली की तस्वीरें अब भी टाउन हॉल के पुराने निगम सदन के कक्षों और सिविक सेंटर के कार्यालयों की दीवारों पर लगी हुई हैं। शहर में एक प्रमुख सड़क का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है।

उत्तर दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का विलय पिछले साल हुआ जब केंद्र सरकार उनके एकीकरण के लिए एक विधेयक लेकर आई। कई पूर्व महापौर ने इस फैसले का स्वागत किया था।

नगर निगमों के विलय के बाद चार दिसंबर को एमसीडी चुनाव हुए और मतगणना सात दिसंबर को हुई।

आम आदमी पार्टी (आप) ने 134 वार्ड जीतकर एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया। भाजपा ने एमसीडी के 250 सदस्यीय सदन में 104 वार्ड में जबकि कांग्रेस ने नौ वार्ड में जीत दर्ज की।

इस बार महापौर पद के प्रत्याशियों में शैली ओबरॉय और आशु ठाकुर (आप) तथा रेखा गुप्ता (भाजपा) शामिल हैं। ओबरॉय आप की ओर से इस पद के लिए मुख्य दावेदार हैं।

उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर और भाजपा के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि पूरे शहर को अब फिर से एक महापौर मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अरुणा आसफ अली दिल्ली की पहली महापौर थीं और 2012 तक एमसीडी का तीन अंगों में विभाजन होने से पहले रजनी अब्बी आखिरी महापौर थीं । 10 साल बाद फिर से एक महिला महापौर बनेगी, यह शहर के साथ ही उस व्यक्ति के लिए बड़े सौभाग्य की बात है जो दिल्ली की महापौर बनेंगी।’’

अप्रैल 2011 में भाजपा की तत्कालीन प्रत्याशी रजनी अब्बी कांग्रेस की सविता शर्मा को 88 मतों से हराकर दिल्ली की महापौर बनी थीं। अब्बी उस वक्त दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर थीं और अभी विश्वविद्यालय की डीन हैं।

एमसीडी के विभाजन के बाद सभी तीनों निगमों के लिए महापौर के चुनाव 2012 में हुए थे। अप्रैल 2012 में मीरा अग्रवाल को नव-निर्वाचित एमडीएमसी का महापौर निर्विरोध चुना गया था जबकि उनकी पार्टी के सहकर्मी आजाद सिंह उपमहापौर बने थे।

मई 2012 में अन्नपूर्णा मिश्रा को पूर्वी दिल्ली का महापौर निर्विरोध चुना गया जबकि उनकी पार्टी की ऊषा शास्त्री को उपमहापौर चुना गया था।

भाषा
नई दिल्ली


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