दिल्ली : 'आप' ने निगम पर टोल टैक्स मामले पर लगाया भ्रस्टाचार का आरोप

Last Updated 09 Aug 2022 09:48:35 PM IST

दिल्ली नगर निगम में सत्तसीन रही भाजपा पर आम आदमी पार्टी ने टोल टैक्स कंपनी से सांठकर कर लगभग 6000 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाए जाने के बाद निगम ने टोल टैक्स सम्बन्धी आरोपों पर अपनी पहली प्रीतिक्रिया देते हुए कहा कि, दिल्ली नगर निगम पर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद, तथ्यहीन और निराधार हैं।


दिल्ली नगर निगम

दिल्ली नगर निगम जन सेवा में समर्पित है और नागरिकों को बेहतर नागरिक सुविधाएं देने के लिए हर संभव कार्य कर रहा है।

निगम ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 2017 में एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी को 1206 करोड़ रुपए प्रति वर्ष के अनुसार पांच सालों के लिए ठेका दिया था। ठेका मिलने के बाद कंपनी ने इस्टर्न पेरिफेरल तथा वेस्टर्न पेरिफेरल के खुलने और फ्री लेन से टोल वसूली रोकने के माननीय न्यायालय के आदेश के बाद नुकसान का दावा किया और नुकसान की भारपाई की माँग की।

एमसीडी ने कई दौर की बैठकें की और कंपनी द्वारा आवश्यक भुगतान न किये जाने पर अनुबंध समाप्त कर दिया। साथ ही साथ दिल्ली नगर निगम द्वारा एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स की जमानत राशि भी जब्त कर ली गई।

निगम ने आगे कहा कि, वर्तमान में एमसीडी ने एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स लिमिटेड की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी को बंद करने का मामला एनसीएलएटी में विचाराधीन है। कंपनी के खिलाफ सभी कानूनी कदम उठाए गए हैं और यह मामला उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

दिल्ली नगर निगम द्वारा 2021 में टोल टैक्स का ठेका शहाकर ग्लोबल लिमिटेड के नाम की कंपनी को 786 करोड़ रूपए में दिया गया। निविदा का आरक्षित मूल्य 636 करोड़ था जिसके विरूद्ध सहकार की बोली 786 करोड़ रूपए थी। सहकार दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किये जाने की अवधि को छोड़कर पूरी राशि का भुगतान कर रहा है। कंपनी को दी गई छूट भी दिल्ली सरकार द्वारा द्वारा लॉक डाउन लगाने के कारण हुई अप्रत्याशित घटना के कारण और अनुबंध समझौते के अनुसार ही दी गई।

निगम के अनुसार, एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स लिमिटेड और शहाकर ग्लोबल लिमिटेड दोनों अलग-अलग कंपनियां हैं। दिल्ली नगर निगम के समक्ष उपलब्ध जानकारी के अनुसार दोनों कंपनियों के बीच कोई संबंध नहीं है।

दरअसल 'आप' नेता दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि, भाजपा ने 2017 में एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी को 1200 करोड़ प्रति वर्ष के अनुसार पांच सालों के लिए ठेका दिया था। कंपनी ने पहले साल पैसा देने के बाद अगले साल से कभी 10 प्रतिशत तो कभी 20 प्रतिशत ही पैसा दिया। लेकिन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय ठेके को जारी रखा गया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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