कुतुबमीनार विवाद : नौ जून का आएगा फैसला

Last Updated 25 May 2022 05:47:09 AM IST

दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने कुतुबमीनार में हिन्दू और जैन देवी-देवताओं की पूजा करने की अनुमति संबंधी याचिका पर अपना आदेश नौ जून के लिए सुरक्षित रख लिया है।


कुतुबमीनार विवाद : नौ जून का आएगा फैसला

याचिकाकर्ताओं ने जैन देवता तीर्थंकर ऋषभ देव और हिंदू देवताओं के मामले में साकेत अदालत में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें मोहम्मद गोरी की सेना के सेनापति कुतुबदीन ऐबक ने हिन्दुओं के 27 मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था, और ध्वस्त मंदिरों की सामग्री का फिर से इस्तेमाल कर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को बनाया गया था।

याचिकाकर्ता ने यह दावा भी किया है कि परिसर में श्री गणोश, विष्णु और यक्ष समेत कई हिन्दू देवताओं की आकृतियां स्पष्ट हैं और वहां मंदिर के कुओं के साथ कलश और पवित्र कमल के अवशेष भी हैं जो स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि यह परिसर मूलत: हिंदू स्थल है। उन्होंने केन्द्र सरकार से एक ट्रस्ट बनाने और मंदिर परिसर का प्रबंधन उसे सौंपने और देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी है।

याचिकाकर्ताओं ने अपनी अर्जी में कहा कि अदालत के अगले आदेश तक कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणोश की दो मूर्तियों को नहीं हटाया जा सकता है। बारहवीं शताब्दी में निर्मित इस स्मारक परिसर में दोनों मूर्तियां हैं। इस स्मारक को 1993 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गयी थी।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कुतुब मीनार परिसर में हिन्दू और जैन मंदिरों के पुनरुद्धार और उनमें पूजा की अनुमति दिये जाने की अर्जी का विरोध किया है और कहा है कि मौलिक अधिकार के नाम पर उसके द्वारा संरक्षित पुरातात्विक महत्व के स्थल पर किसी तरह का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि याचिककर्ताओं की आशंकाएं गलत हैं क्योंकि एजेंसी अभी तक मूर्तियों को हटाने या अन्या स्थानांतरित करने पर विचार नहीं कर रही थी क्योंकि मूर्तियों को स्थानांतरित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से विभिन्न अनुमतियां लेनी होती हैं।

वार्ता
नई दिल्ली


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