दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘घर-घर राशन योजना’ की रद्द
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया।
![]() दिल्ली हाईकोर्ट |
हाईकोटे ने ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ को चुनौती वाली राशन दुकानदारों की दो याचिकाओं को मंजूरी दी थी। राशन डीलर्स यूनियन की ओर से दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 10 जनवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन संघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि घर-घर चीजें पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार कोई और योजना लाने के लिए स्वतंत्र है ,लेकिन वह केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए अनाज का इस्तेमाल घर-घर पहुंचाने की योजना के लिए नहीं कर सकती।
दिल्ली प्रशासन और केंद्र के बीच विवादों के चलते दिल्ली सरकार की घर-घर राशन योजना पर रोक लगी हुई है। यह योजना 25 मार्च, 2021 को शुरू होने वाली थी, लेकिन केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 19 मार्च को दिल्ली सरकार को दो बातों पर आपत्ति जताया और उसको लेकर पत्र लिखा।
केंद्र ने कहा कि योजना के लिए मुख्यमंत्री शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आवंटित खाद्यान्न का वितरण तंत्र में किसी भी बदलाव के लिए एनएसएफए में संशोधन की आवश्यकता होगी, जो केवल संसद ही कर सकता है।
राज्य सरकार ने कहा था कि यह राशन योजना माफिया को जड़ से खत्म कर देगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सभी लाभार्थियों को उनका उचित हिस्सा मिले।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। आप सरकार को उन संरक्षकों के लिए निश्चित मूल्य की दुकानों को खाद्यान्न की आपूर्ति बंद करने की अनुमति दी, जिन्होंने घर पर डिलीवरी का विकल्प चुना था।
उपराज्यपाल ने पहले याचिका का विरोध करते हुए हाईकोर्ट को बताया था कि मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के उल्लंघन को संबोधित करने के लिए दिल्ली सरकार को उनकी बार-बार की सलाह को नजरंदाज कर दिया था।
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