नई पहल: शिक्षकों को इंटरनेशनल बोर्ड करिकुलम का प्रशिक्षण

Last Updated 23 Nov 2021 10:20:00 PM IST

दिल्ली के कई स्कूलों में अब सीबीएसई की बजाए इंटरनेशनल बोर्ड के आधार पर शैक्षणिक पाठ्यक्रम पढ़ाया व सिखाया जाएगा।


सीबीएसई

इसके लिए शिक्षकों को खास प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षकों को इंटरनेशनल बोर्ड का कार्य दर्शन, पाठ्यक्रम समझाया जा रहा है। इसके जरिए यह जाना जाएगा कि किस तरह शिक्षा विधियों एवं मूल्यांकन पद्धति में आमूल परिवर्तन कैसे किया जाए। कक्षा में विद्यार्थियों को भागीदारी का समान अवसर कैसे दिया जाए। इसके लिए शुरूआत में करीब 350 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह शिक्षक अपने सहयोगियों के साथ मिल कर सफलतापूर्वक यूनिट प्लान तैयार करने में सक्षम बनेंगे और कौशल अवधारणा-आधारित पाठ्यक्रम की स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

दरअसल इस पूरी कवायद का मकसद दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) में अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम शुरू करने के एजेंडे को पूरा करना है।

इस तरह के 3 या अधिक सत्र आने वाले दिनों में पाथवेज स्कूल नोएडा आयोजित करेगा और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 300 से 350 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।



दिल्ली के शिक्षा विभाग के विशेष अनुरोध पर पाथवेज ने मंगलवार आईबी एमवाईपी करिकुलम के चौथे प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को यह प्रशिक्षण निशुल्क प्रदान किया गया और आयोजन का मकसद दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) में अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम शुरू करने के एजेंडे को पूरा करना है।

चोटी के सरकारी स्कूलों के 70 से अधिक शिक्षकों ने सत्र में भाग लिया जिनमें एसबीवी सूरज मल विहार, एसकेवी मयूर विहार फेज 1 पॉकेट 4, एसकेवी सूरज मल विहार, एसकेवी लक्ष्मी नगर, एसकेवी विवेक विहार और ऐसे अन्य प्रतिष्ठित स्कूलों के शिक्षक शामिल थे।

पीएसएन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों को आईबी के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया जैसे कि वर्टिकल करिकुलम प्लानिंग सपोर्ट, आईबी करिकुलम का परिचय, आईबी की शब्दावली से परिचय, सामग्री के वर्टिकल और होरिजोंटल एलाइनमेंट का प्रशिक्षण और पढ़ाई में प्रश्न पूछने को बढ़ावा देना, विभिन्न विषयों से परस्पर सीखना और खुद विद्यार्थियों की गतिविधियां।

पाथवेज की निदेशिक डॉ शालिनी आडवाणी, ने कहा, हमें बहुत गर्व है कि हमारे शिक्षकों ने स्वेच्छा से इस अत्याधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने का समय निकाला है। दिल्ली सरकार को इसका श्रेय जाता है कि उसने आईबी शिक्षा के लाभों को समझा और सरकारी स्कूल के शिक्षकों को हमारे ज्ञान और विशेषज्ञता का लाभ लेने का मौका दिया।

प्रशिक्षण सत्रों में शिक्षकों ने आईबी के कार्य दर्शन, पाठ्यक्रम को समझा और यह जाना कि किस तरह इसकी शिक्षा विधियों एवं मूल्यांकन पद्धति में आमूल परिवर्तन है और कक्षा में विद्यार्थियों को भागीदारी का समान अवसर दिया जाता है।

इस तरह के 3 या अधिक सत्र आने वाले दिनों में आयोजित किए जाएंगे और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 300 से 350 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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