दिल्ली में 45 फीसदी प्रदूषण पड़ोसी राज्यों के ईंट भट्टों, थर्मल प्लांट और पराली के कारण

Last Updated 01 Oct 2020 04:18:38 PM IST

सर्दियां आते ही दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। खासतौर पर दिवाली के आसपास पीएम 10 जैसे हैवी पार्टिकल्स खतरनाक स्तर तक पहुंच सकते हैं।


(प्रतीकात्मक तस्वीर)

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान की सरकारों से ईंट भट्टों, थर्मल पावर स्टेशनों और पराली की समस्या को नियंत्रित करने का आग्रह किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा, "दिल्ली में सर्दियों के दौरान होने वाले वायु प्रदूषण का 45 फीसदी हिस्सा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों से आता है। इनके अलावा दिल्ली से सटे एनसीआर के शहर अलग से दिल्ली के वायु प्रदूषण में इजाफा करते हैं।"

गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दिल्ली समेत इन चारों राज्यों की एक अहम बैठक बुलाई गई थी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "इस बैठक के दौरान दिल्ली सरकार ने हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से आग्रह किया है कि वह पराली की समस्या का समाधान करें। दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट ने जो तकनीक विकसित की है, उसके माध्यम से भी पराली जलाने की समस्या खत्म हो सकती है।"

सर्दियों के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली से सटे राज्यों में चलने वाले पुरानी तकनीक के ईंट भट्टों को भी जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक इन ईंट भट्टों से काफी वायु प्रदूषण होता है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पुरानी तकनीक से चलने वाले 1640 ईंट भट्टे हैं। एनसीआर के शहरों में आने वाले हरियाणा के विभिन्न इलाकों में ऐसे 161 और राजस्थान के दिल्ली से सटे विभिन्न इलाकों में प्रदूषण करने वाले 164 ईंट भट्टे हैं।"

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में पुरानी तकनीक से चलने वाले एवं प्रदूषण फैलाने वाले थर्मल पावर प्लांट को बंद किया जा चुका है। हालांकि एनसीआर में अभी भी ऐसे प्लांट्स चल रहे हैं। पड़ोसी राज्यों में 11 ऐसे थर्मल प्लांट हैं जो पुरानी तकनीक पर आधारित हैं। सर्वोच्च न्यायालय इन थर्मल पावर प्लांट को बंद करने के लिए आदेश दे चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुताबिक दिसंबर 2019 तक यह प्लांट बंद किए जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दिल्ली सरकार चाहती है की अब टाइम बाउंड तरीके से यह कार्य किया जाना चाहिए। सर्दियों के दौरान दिल्ली में होने वाले वायु प्रदूषण में इसका लगभग 9 फीसदी हिस्सा है।

इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों से पराली की समस्या का समाधान ढूंढने का आग्रह किया है।

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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