शरजील इमाम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
देशद्रोह मामले में पकड़े गए शरजील इमाम की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से 10 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।
शरजील इमाम (फाइल फोटो) |
शरजील ने इस याचिका में खुद पर दर्ज सभी एफआईआर को संयोजित करने की मांग की है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को शरजील के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लागू किया।
गौरतलब है कि शरजील को दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में कथित तौर पर देश विरोधी भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
शरजील की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यामूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के सामने दलील पेश की कि दिल्ली, असम, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में एक ही भाषण के आधार पर पांच प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने भी उनके मुवक्किल पर यूएपीए लगाया है।
दवे ने सभी एफआईआर को संयोजित करने और अर्नब गोस्वामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई राहत का हवाला दिया। इसी मामले का उदाहरण देते हुए शरजील के वकील ने सभी एफआईआर को संयोजित करने को लेकर कहा, "मुझे अर्नब गोस्वामी की तरह राहत दें।"
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर अर्नब गोस्वामी के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने मुंबई पुलिस द्वारा दायर एक प्राथमिकी की जांच की अनुमति दी।
पीठ ने कहा, "पुलिस को अगर कुछ संगीन अपराध की जानकारी मिलती है तो उनके द्वारा एफआईआर दर्ज करने में कोई बुराई नहीं है।"
अदालत ने जानना चाहा कि क्या दिल्ली सरकार की तरफ से भी कोई वकील है। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 दिन बाद की तारीख तय कर दी है।
कोर्ट ने शरजील के वकील द्वारा याचिका की एक प्रति दिल्ली सरकार को सौंपने को कहा है, साथ ही इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा है।
शरजील को 28 जनवरी को बिहार के उसके गृहनगर जहानाबाद से दिल्ली पुलिस ने कथित रूप से विवादास्पद 'कट ऑफ असम' बयान को लेकर गिरफ्तार किया था।
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