हाईकोर्ट में अंग्रेजी के साथ मातृभाषा में हो कामकाज : राम विलास पासवान

Last Updated 22 Feb 2020 12:01:11 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री राम विलास पासवान ने एक अहम इंटरव्यू में कहा कि जल्द ही देश के हाईकोर्ट में अंग्रेजी के अलावा मातृभाषा में कामकाज होना चाहिए।


वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री राम विलास पासवान

वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि इस सिलसिले में उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री से हुई है और उन्होंने उनसे अदालतों में मातृभाषा को गांधी जी की 150वीं जयंती पर लागू करने को कहा है।

राम विलास पासवान ने इंडियन जूडिशियल सर्विस के गठन पर जोर देते हुए कहा कि न्यायिक सेवा आयोग की स्थापना के बाद जो कानून संसद से पारित होंगे वो अदालत में नहीं अटकेंगे।

केंद्रीय मंत्री पासवान ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "हमने प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर आपके समय में यह नहीं होगा तो फिर कभी नहीं होगा।"

उन्होंने कहा, "तमिलनाडु की हाईकोर्ट में तमिल में सुनवाई होनी चाहिए। इसी प्रकार कर्नाटक, गुजरात, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में भी ऊंची अदालतों की भाषा वहां की मातृभाषा होनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "जब तक इस देश में इंडियन जूडिशियल सर्विस नहीं होगा तब तक संसद से कानून पास होता रहेगा और और कोर्ट में लटकता रहेगा।"

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण के विवादास्पद मुद्दे पर पासवान ने पहली बार महत्वपूर्ण बात करते हुए कहा कि गलती केवल कांग्रेस की नहीं है बल्कि उत्तराखंड की दोनों सरकारों की है।

आठ बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके पासवान ने आईएएनएस से कहा, "यह 2010 का मामला है, लेकिन इस फाइल को दबाकर रखा गया। यह अलग बात है कि एनडीए की सरकार बनने के बाद भी इसकी जानकारी केंद्र सरकार को नहीं दी गई। किसी भी पार्टी की सरकार हो, अगर वह आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में बहस करती है तो वह आरक्षण विरोधी है।"

बिहार के कद्दावर नेता पासवान ने कहा कि हाल ही में उन्होंने तकरीबन 100 सांसदों के साथ बैठक की है जिसमें एकमत से बात आई कि प्रमोशन के मामले में संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल दिया जाए जिससे ऐसे मामले अदालत में न अटकें।

वर्तमान में राज्यसभा सदस्य पासवान ने कहा, "हम चाहते हैं कि आरक्षण के मसले को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल दिया जाए ताकि अदालत में यह मामला न जाए।"

प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट और सरकार चलाने के तौर तरीके के बारे में राम विलास पासवान का कहना था कि उन्होंने देश के छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है और दावे से देश को बताना चाहते हैं कि मोदी जैसा अपने मातहत को आजादी देने वाला प्रधानमंत्री उन्होंने नहीं देखा।

पासवान ने कहा, "मैंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है और दावे के साथ कह सकता हूं कि नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में सबको अपनी बात कहने की छूट होती है, यहां तक कि प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि मैं आपलोगों के सामने देश का नक्शा रख रहा हूं आप अपनी प्रतिक्रिया दें। कैबिनेट की बैठक पांच-पांच, सात-सात घंटे तक चलती है।"

उन्होंने कहा कि ये अलग बात है कि कैबिनेट की हर बैठक में हर एजेंडे पर नरेंद्र मोदी इतनी तैयारी करके आते हैं कि किसी मंत्री के लिए बहस करना मुश्किल होता है।

उन्होंने कहा, "जब प्रधानमंत्री खुद इतना पढ़कर आते हैं तो उनके सामने बोलने के लिए पूरी जानकारी होनी चाहिए।"

केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान ने दिल्ली में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल को भी कुछ नसीहतें दीं। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि वन नेशन वन राशन कार्ड पर वह पुनर्विचार करें क्योंकि मोदी की इस महायोजना से सबसे ज्यादा लाभ उन गरीबों को मिलने वाला है जो बाहर जाकर मेहनत मजदूरी करते हैं।

पासवान ने कहा, "वह (केजरीवाल) कहते हैं कि हम घर-घर राशन बांटेंगे लेकिन पीओएस का जब तक इस्तेमाल शुरू नहीं होगा तब तक दिल्ली के लोग जो मुंबई या किसी दूसरी जगह चले गए हैं उनको राशन कैसे मिलेगा, इसीलिए वन नेशन वन राशन कार्ड को लागू करना जरूरी है अन्यथा गरीब राशन से वंचित रहेंगे।"

उपभोक्ता संरक्षण कानून को लेकर पासवान ने कहा कि फिल्म उद्योग के सभी सेलिब्रिटी को इस कानून से डरने की जरूरत नहीं है अगर वे जनता को गुमराह नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन ने इस कानून को लेकर आशंका जताई थी।

उन्होंने कहा, "अमिताभ बच्चन ने इस तरह की आशंका जताई थी लेकिन मैंने उनसे कहा कि आपको घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ भ्रामक विज्ञापन का प्रचार करने वाले सेलेब्रिटी पर ही कोई कार्रवाई की जाएगी।"

साल के अंत में निर्णायक बिहार चुनाव को लेकर पासवान ने कहा कि हर हाल में राजग की सरकार आ रही है और नीतीश ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। बिहार चुनाव में ताल ठोकने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया जानता होगा, मैं नहीं जानता।



लोकजनशक्ति पार्टी के संरक्षक पासवान ने कहा, "प्रशांत किशोर को मैं जानता भी नहीं हूं। हम जिसके संबंध में नहीं जानते उनके संबंध में हम कोई कमेंट नहीं करते।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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