दिल्ली : नौकरशाह अब खर्च कर सकेंगे 50 करोड़

Last Updated 13 Aug 2019 01:12:38 AM IST

दिल्ली सरकार ने सभी सचिवों व विभागाध्यक्षों के वित्तीय अधिकार में भारी बढ़ोतरी की है। इस आदेश को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अनुमति मिल गई है। इसे तुरंत प्रभाव से लागू भी कर दिया गया।


दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, अरविंद केजरीवाल

गौरतलब है कि अब तक विभागाध्यक्ष बिना मंत्री की अनुमति लिए दस करोड़ तक की परियोजना को अनुमति देने के लिए अधिकृत थे, नए आदेश के लागू होते ही विभागाध्यक्ष पचास करोड़ रुपए तक की परियोजना को अनुमति देने के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं। कार्यालय के आकस्मिक खर्च के लिए प्रति वर्ष दिए जाने वाले पांच लाख रुपए को बढ़ाकर दस लाख रुपए कर दिया गया है। नए फर्नीचर खरीद के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपए का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर बीस लाख रुपए कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त विभागाध्यक्ष अपने पुराने फर्नीचर को हटाकर बीस लाख रुपए तक के नए फर्नीचर खरीद सकेंगे। एयर कंडीशनर खरीदने के लिए उन्हें पूरा अधिकार होगा। किसी भी मुकदमे में सरकारी खर्च पर उच्च स्तरीय वकील के लिए खर्च की कोई सीमा नहीं है। विभागाध्यक्ष को कार्यालय के इंटरनेट कनेक्शन के लिए प्रति वर्ष दो लाख रुपए खर्च करने का अधिकार दिया गया है, पहले इसकी सीमा एक लाख रुपए थी। कंप्यूटर या लैपटॉप खरीद पर पच्चीस लाख रुपए खर्च करने का अधिकार दिया गया है, पूर्व में यह सीमा दस लाख थी।

सरकारी भवन के रखरखाव के लिए दिल्ली सरकार के विभागाध्यक्ष को प्रति वर्ष पांच लाख रुपए खर्च करने का अधिकार था, जिसकी सीमा अब दस लाख रुपए कर दी गई है। विभागाध्यक्ष अबतक किसी भी बुकलेट या सरकारी पुस्तिका की छपाई के लिए पंद्रह लाख रुपए खर्च करने के लिए अधिकृत थे,  जिसकी सीमा को अब पचास लाख रुपए कर दिया गया है। विभागीय स्टेशनरी खरीद के लिए पचीस हजार रुपए प्रति वर्ष की सीमा को बढ़ाकर पचास हजार रुपए प्रति वर्ष कर दिया गया है।
आधिकारिक बैठक में विभागाध्यक्ष प्रति वर्ष चाय व नाश्ते पर दस लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। कार्यालय में वर्किग लंच के आयोजन पर पहले विभागाध्यक्ष को पचीस हजार रुपए की सीमा तक खर्च करने का अधिकार था, अब वे वर्किग लंच पर एक लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। वर्किग लंच में पूर्व में एक व्यक्ति के लंच पर तीन सौ रुपए खर्च करने का प्रावधान था जिसे अब पांच सौ रुपए प्रति व्यक्ति तय किया गया है। किसी भी समारोह, जिसमें मंत्री का शपथग्रहण समारोह भी शामिल है, में खर्च के लिए विभागाध्यक्ष पूर्ण रूप से अधिकृत हैं, जिसके खर्च की सीमा नहीं तय की गई है।

संजय के झा/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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