अतिथि शिक्षक 60 वर्ष की उम्र तक काम कर करेंगे

Last Updated 07 Mar 2019 12:37:03 PM IST

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षक के रिटायरमेंट की उम्र तक यानि 60 वर्ष तक काम करने संबंधी प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।


दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

सभी गेस्ट शिक्षक व कांट्रेक्ट पर काम करने वाले शिक्षकों को कैबिनेट के निर्णय का लाभ मिलेगा। उनको नहीं हटाया जाएगा। सभी गेस्ट शिक्षक व कांट्रेक्ट पर काम करने वाले शिक्षकों को महंगाई भत्ता प्रत्येक वर्ष जनवरी व जुलाई में मिलेगा। दिल्ली सरकार की कैबिनेट की बैठक में यह पॉलिसी लाई गई है जिससे सभी गेस्ट टीचर्स अब रेगुलर टीचर्स के रिटायरमेंट की उम्र तक काम करेंगे। साथ ही अतिथि शिक्षकों पर नियमित शिक्षकों वाले कंडक्ट रूल्स ही लागू होंगे। कैबिनेट की बैठक में यह पॉलिसी पास की गई है।
सिसोदिया ने कहा कि कैबिनेट के निर्णय के बाद मैं इसे लेकर उपराज्यपाल के पास खुद जा रहा हूं। इस प्रकार की पॉलिसी हरियाणा सरकार ने लागू की है। सरकारी स्कूलों में 64,000 शिक्षकों की पोस्ट है जिसमें कुल 58 हजार शिक्षक काम कर रहे हैं। इनमें अतिथि व नियमित दोनों शिक्षक शामिल हैं। इनमें 22 हजार अतिथि शिक्षक हैं। समय-समय पर इनकी नियुक्ति की गई है। इनकी नियुक्ति मेरिट के आधार पर हुई है।
 सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के पूर्व हर साल अतिथि शिक्षकों को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। हमने हर साल की भर्ती प्रक्रिया को समाप्त कर दिया। जो अतिथि शिक्षक काम कर रहे हैं उनकी सेवा को जारी रखा है। अतिथि शिक्षकों को 12 हजार से लेकर 17 हजार रु पए वेतन मिलता था जिसे अब बढ़ाकर 35 हजार रुपए किया गया है यानि उनका वेतन दोगुना किया गया है। अभी 58 हजार शिक्षकों में से 22 हजार अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया है तो स्कूल कैसे चलेंगे? अभी परीक्षा चल रही है व रिजल्ट तैयार किए जा रहे हैं।  ये सब कौन करेगा?

सिसोदिया ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के कई मामले सुलझाए गए हैं। कई अतिथि शिक्षक ने सी-टेट नहीं ऊत्तीर्ण किया। हमने एलजी से आग्रह करके इन मुद्दों को सुलझाया है। साथ ही अतिथि शिक्षकों की सेवा जारी रखते हुए उनकी गरिमा व सम्मान का ध्यान रखा। इस बीच सेवा विभाग का मामला आ गया है। यानि शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षक को रखना या हटाना व किस स्कूल में कितने शिक्षक होंगे यह सेवा विभाग का विषय है। चुनी हुई सरकार स्कूल बनाएगी, स्कूल चलाएगी लेकिन कितने शिक्षक होंगे यह केन्द्र सरकार तय करेगी। मैं दो साल से कह रहा हूं कि अतिथि शिक्षकों को नियमित कीजिए व उनके अनुभव के आधार पर ग्रेस दे दीजिए। दिल्ली विधानसभा में अतिथि शिक्षक को नियमित करने का बिल पास किया था, उसको भी नहीं माने। यह शिक्षा व्यवस्था को खराब करने की साजिश है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment