देश की तरक्की मंदिर मस्जिद बनाने से नहीं होगी : केजरीवाल
बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज का रविवार को उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अबतक दिल्ली को लाल किले या कुतुब मीनार के नाम से जाना जाता था, अब सिग्नेचर ब्रिज के नाम से जाना जाएगा।
सिग्नेचर ब्रिज का फीता काटकर उद्घाटन करते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया। फोटो : मुकेश कुमार |
जब भी कोई विदेशी पर्यटक भारत आता है तो उसकी सूची में ताजमहल का नाम पहले नंबर पर होता है। अब अगर कोई विदेशी टूरिस्ट भारत आएगा तो उसकी सूची में नंबर एक या नंबर दो पर सिग्नेचर ब्रिज का नाम होगा।
यह 154 मीटर उंचा ब्रिज है, पूरी दुनिया में जितने भी इस किस्म के ब्रिज हैं उनमें सबसे ऊंचा सिग्नेचर ब्रिज है। इसके बनने से दिल्ली के लोगों को अपार हर्ष हो रहा है। इसके लिए दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री द्वारा सरदाल पटेल की प्रतिमा के उद्घाटन जिक्र करते हुए कहा कि आज से चार दिन पहले एक स्टेचू का उद्घाटन किया गया था। उसकी उंचाई 182 मीटर है। यह इस देश के सबसे बढ़िया ब्रिज है। पुल बनाने में बाधाएं आई। धमकी दी गई सीबीआई रेड करा देंगे तो हमने कहा कि सीबीआई से डर नहीं लगता।
आज यह ईमानदार सरकार नहीं होती तो पांच साल तक पुल बनकर तैयार नहीं होता। दिल्ली के लोगों को तहे दिल से बधाई दी है।
कोई एक आदमी जिसकी वजह से पुल बना उसका नाम मनीष सिसोदिया है। हर हफ्ते पुल का जायजा लेते थे। उद्घाटन भाषण में केजरीवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तारीफ के पुल बांधे।
उन्होंने कहा कि जब पुल के बारे में सोचता हूं पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद आती है। 1947 में देश के सामने चुनौतियां थी। हमारा देश सौभाग्यशाली है जिसे नेहरू जैसे प्रधानमंत्री मिला।
उन्होंने आईआईटी खड़गपुर, आईआईएम कोलकाता, भेल, व डिफेंस रिसर्च डवलपमेंट आर्गेनाईजेशन बनाया। उन्होंने एम्स बनाया। मैं सोच रहा था अगर नेहरूजी 182 मीटर ऊंचा मंदिर बना देते तो क्या देश का विकास हो पाता। अगर नेहरूजी एम्स की जगह मंदिर बना देते तो क्या देश की प्रगति हो पाती।
आज दिल्ली में हमारी सरकार ने पांच हजार क्लारूम बनाए हैं, अभी दस हजार और क्लासरूम बनेंगे।
एलएनजेपी अस्पताल में साढ़े तीन हजार बेड का और इंतजाम होगा। एम्स के बाद दूसरे नंबर का सबसे बड़ा अस्पताल होगा। यह देश के असली मंदिर है।
केजरीवाल ने कहा कि देश की तरक्की मंदिर मस्जिद बनाने से नहीं होगी। देश की तरक्की अस्पताल, स्कूल और सिग्नेचर ब्रिज बनाने से देश की तरक्की होगी। देश में कॉलेज बनेंगे, स्कूल बनेंगे, अस्पताल बनेगा तभी देश तरक्की करेगा। तभी देश अमेरिका व जापान के पीछे छोड़ेगा। आज अगर देश को आगे बढ़ना है तो साइंस, इंजीनियंिरंग, विज्ञान व टेक्नोलाजी से आगे बढ़ सकता है। यह पुल इंजीनियरिंग का चमत्कार है।
केजरीवाल ने कहा मनीष सिसोदिया हर हफ्ते पुल का जायजा लेते थे व इंजीनियरों से जायजा लेते थे। फ्रांस, इटली जापान के सहयोग से बनाया गया है। साइंस व इंजीनियरिंग इतनी तरक्की करे कि जहां भी बड़े ब्रिज बने उसे भारत के इंजीनिर बनाए। तभी अमेरिका व जापान से टक्कर ले पाएंगे। ब्रिज बनने से लोगों को अपार हर्ष हो रहा है।
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