दिल्ली को तोड़फोड़, सीलिंग से 3 साल और राहत
राजधानी दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों, कृषि भूमि पर बने अस्पतालों, स्कूलों, फार्म हाउसों आदि को सीलिंग व तोड़फोड़ से आगामी तीन वर्ष के लिये राहत मिल गई है.
दिल्ली को तोड़फोड़, सीलिंग से 3 साल और राहत |
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस संबध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधि (विशेष उपबंध) द्वितीय अधिनियम, 2011 को तीन वर्ष आगे बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
अब यह संशोधन बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जायेगा. संसद से यह विधेयक पारित होने के बाद 31 दिसंबर 2020 तक अनाधिकृत निर्माणों की यथास्थिति रहेगी. साथ ही पथ विक्रेताओं को भी बेदखल नहीं किया जा सकेगा.
दिल्ली में अनियोजित व अनधिकृत निर्माण को अस्थायी संरक्षण को लेकर पूर्व में पारित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधि (विशेष उपबंध) द्वितीय अधिनियम, 2011 की अवधि इसी वर्ष 31 दिसंबर को समाप्त हो रही थी जिसके मद्देनजर दिल्लीवासियों पर सीलिंग व तोड़फोड़ की तलवार लटक रही थी.
दिल्ली सरकार अवैध व अनियोजित निर्माण के लिये अभी तक कोई रास्ता नहीं निकाल सकी है और ना ही अभी तक कोई नीति बना सकी है जिसके चलते हजारों अनािधकृत कालोनियों, स्लम बस्तियों, कृषि भूमि पर बने स्कूलों, गोदामों अस्पतालों व फार्म हाउस आदि के संबध में नीति बनाये जाने तक संरक्षण दिया जाना जरूरी था.
इसलिये केन्द्र सरकार ने एनसीआर दिल्ली विधि (विशेष उपबंध) द्वितीय अधिनियम, 2011 के तहत अगले तीन वर्ष के लिये संरक्षण जारी रखने की पहल करते हुए उक्त अधिनियम की अवधि बढ़ाने का फैसला किया है. अधिनियम में अवैध व अनियोजित निर्माण को निर्धारित अवधि दंड से बचाने व संरक्षण देने का प्रावधान है.
इस संबध में केन्द्रीय आवास व शहरी कार्य मंत्रालय के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज मंजूरी दे दी. अब यह संशोधन विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जायेगा और आगामी 1 जनवरी से पहले ही इस संबध में अधिसूचना जारी कर दिये जाने की संभावना है.
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