इलाज के लिए दिल्लीवालों को 50 % आरक्षण
दिल्ली सरकार के सुपर स्पेशियलिटी जी बीपंत अस्पताल के आधे बिस्तर शहर के उन निवासियों के लिए आरक्षित होंगे जिन्हें विशेषज्ञ इलाज की जरूरत है.
इलाज के लिए दिल्लीवालों को 50 % आरक्षण |
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह फैसला किया गया है कि कुल बिस्तरों का 50 फीसद उन मरीजों के लिए आरक्षित होंगे जो इन शतरे को पूरा करें कि वे दिल्ली के निवासी हों, उन्हें दिल्ली के किसी अन्य सरकारी अस्पताल द्वारा भेजा गया हो और विशेषज्ञ इलाज या पहले से तय सर्जरी के लिए भर्ती किया जाना हो.
आदेश में कहा गया कि इस सुविधा के जरिए दिल्ली के रहने वाले मरीजों के लिए समय पर और सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध इलाज देने का प्रयास किया जाएगा. गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल की आधारशिला अक्टूबर 1961 में रखी गई थीा.
मैनेज करना हो रहा मुश्किल : पहले से क्षमता से कई गुना मरीजों से अटे रहने वाले इस अस्पताल में यह शर्त लागू करने से और परेशानी होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि यहां पर बिस्तर बढ़ाने, सुविधाएं, ऑपरेशन थियेटर व अन्य प्रकार की नैदानिक एवं इमेजिंग जांच सुविधाओं का विस्तार करने की दरकार है.
पहले भी यहां पर दिल्ली वालों को ज्यादा दबाव रहता है. दिल, दिमाग एवं उदर रोगों के उपचार एवं निदान के लिए यह फिलहाल दिल्ली सरकार का इकलौता अधिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल है. यहां पर पहले से डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है. जिसे दूर करने के लिए सरकार को त्वरित स्तर पर प्रयास करना चाहिए.
एक विशेषज्ञ ने कहा कि मौजूदा समय में यहां इमरजेंसी, ऑपरेशन थियेटर के अलावा आईसीयू में सीमित सुविधाएं है. नई बिल्डिंग बन चुकी है, लेकिन उसमें कार्डियक थोरेसिक वास्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस), न्यूरोलॉजी व अन्य यूनिट में सुविधाओं का विस्तार किया जा सकता है, लेकिन सरकार की नजर इस महत्वपूर्ण दिक्कतों की ओर नहीं पड़ रहा है.
विशेषज्ञों का तर्क है कि इमरजेंसी में लाए गए मरीजों को हम भला कैसे यह क हते हुए नकार सकते हैं कि यहां उनका निर्धारित 50 फीसद बाहरी होने संबंधी कोटा भर चुका है. बहरहाल इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जल्द ही यहां व्याप्त कमियों को सुधारने की प्रक्रिया शुरु करेंगे. इसके लिए लोक निर्माण विभाग व अन्य एजेंसियों से बात चल रही है.
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