ट्रेड फेयर : संडे बना फन डे

Last Updated 20 Nov 2017 06:49:08 AM IST

रविवार को ट्रेड फेयर में निर्धारित 60 हजार से अधिक दर्शक पहुंचे. आयोजकों द्वारा अधिकारिक तौर पर रविवार को 63 हजार दर्शकों के पहुंचने की बात कही जा रही है, जबकि सुरक्षा एजेंसियों का लगता है कि रविवार को मेले में आने वाले दर्शकों की संख्या 70 हजार से अधिक रही है. आंकड़े जो भी हो लेकिन इतना तो तय ही है कि रविवार को जबरदस्त भीड़ मेला देखने के लिए प्रगति मैदान पहुंची थी.


ट्रेड फेयर : संडे बना फन डे

रविवार अवकाश का दिन होने से सुबह से ही दर्शकों के प्रगति मैदान पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो सायं छह बजे के बाद भी जारी रहा. हर तरफ भीड़ ही भीड़ देखने को मिली. हॉल नम्बर 18 में प्रवेश करने के लिए तो दिनभर लंबी कतार लगी रही. कुछ ऐसी ही स्थिति हाल नम्बर 9,10,11 और 12ए में रही. इसके अलावा हैंगरों में लगे राज्य पवेलियन भी पूरी तरह से हाउसफुल रहे. मेले में आए दर्शक अपने-अपने राज्यों का सामान खरीदने के लिए राज्य पवेलियनों में पहुंचे. भीड़ ज्यादा होने का फायदा चोरों ने भी उठाया. जानकारी के अनुसार करीब आधे दर्जन से अधिक लोगों के फोन चोरी हुए जबकि दर्जन भर से ज्यादा लोग अपने से बिछुड़े-मिले. इनमें बड़े और बच्चें दोनों शामिल थे.

शाम के वक्त जब फेयर से लोग वापस लौट रहे थे तो हर किसी का हाथ सामानों से भरा था. भीड़ के साथ-साथ खरीदारी ज्यादा होने से कारोबारियों के भी चेहरे खिले थे. कई कारोबारियों ने कहा कि बिजनेस डे में कारोबार तो नहीं हुआ, लेकिन शनिवार और रविवार को जमकर कारोबार हुआ है. उम्मीद करते हैं कि अगले रविवार और शनिवार को भी जमकर कारोबार होगा. भीड़ ज्यादा होने से शनिवार की तरह कई बार हैंगर में लगे राज्य पवेलियनों और हॉल नम्बर 11 के प्रवेश गेट को बंद करना पड़ा.

बगैर जीएसटी के हो रहा है कारोबार : लोग ट्रेड फेयर में सिर्फ घूमने फिरने नहीं आते हैं, बल्कि खरीदारी के लिए भी आते हैं. इस बार भी मेले में लोग आ रहे हैं और जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं. खरीदारी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां आधे दर्जन से अधिक मोबाइल एटीएम हैं, जो शनिवार को दोपहर बाद ही खाली हो गए थे और रविवार को भी खाली हो गए थे. एटीएम खाली होने का जिक्र इसलिए करना पड़ रहा है कि यहां सामान खरीदने के लिए उपभोक्ताओं को नकद पैसा चुकाना पड़ रहा है. बड़ी कंम्पनियों के स्टाल पर ऑन लाइन पेमेंट तो स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन खाने-पीने, कपड़े, रजाईयां, गुलदस्ते, सजावटी सामान, हर्बल उत्पाद यहां तक की खादी के स्टाल पर भी नकद पैसे लिए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सभी हॉल में जीएसटी भरने के लिए मेला आयोजकों की ओर से उद्घोषणा की जा रही है. हॉल मैनेजरों ने भी माना कि उनके बार-बार कहने के बाद भी कारोबारी न जो रसीद काट कर उपभोक्ताओं को दे रहे हैं और न ही उपभोक्ता जीएसटी चुकाना चाहता है. इस तरह से फेयर में बड़े स्तर पर बगैर रसीद काटे और जीएसटी के कारोबार हो रहा है.

पवेलियन चीनी, माल देसी  : चीनी उत्पादों को देखने के लिए हमेशा से ही दर्शकों की रुचि रहती है. इस बार चीनी कंपनियों को हैंगर नम्बर 14 में जगह मिली है. यहां पर बिजनेस डे (14-17) तक चीनी उत्पादों को डिस्प्ले किया गया था, लेकिन आम जनता के लिए फेयर के दरवाजे खुलते ही इस पवेलियन में देसी कारोबारियों ने कब्जा जमा लिया. चीनी कंपनियों के जाने के बाद शनिवार को उनके नाम से अलॉट स्टाल खाली थे, लेकिन रविवार को यहां पर खाने-पीने के सामान से लेकर पानी गर्म करने और कंबल, रजाई बेचने वालों के स्टाल सज गए थे. फेयर के बीच में इन्हें कैसे जगह मिली. इसके बारे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है.

तिरंगे का हो रहा है अपमान : कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए देश की अस्मिता और पहचान तिरंगे को भी कारोबार का हिस्सा बना लिया है. यहां तक तो ठीक है पर इस तिरंगे का जो अपमान हो रहा है, उस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. ट्रेड फेयर में आने और फेयर घूम कर बाहर जाने वाले दर्शकों को जबरन पकड़ कर कुछ महिलाएं, उनकी कमीज पर तिरंगा लगा दे रही हैं और बदले में 50 से लेकर 100 रुपए तक की मांग कर रही हैं. ऐसे में बगैर अनुमति के लगाए गए तिरंगे के बदले मांगी गई कीमत को सुन कर लोग झट से तिरंगे को कमीज से निकाल कर तिरंगे का कारोबार करने वाली महिलाओं के हाथ में दे देते हैं और अपना पीछा छुड़ाने की कोशिश करते हैं. इस क्रम में तिरंगा जमीन पर गिर जाता है और भीड़ के पैरों के नीचे भी आ जाता है. यह सब कुछ प्रगति मैदान के गेट नम्बर आठ के आसपास हो रहा है. जहां पुलिस की गाड़िया खड़ी रहती हैं.

ट्रेड फेयर में मकान के लिए कराए फ्री में रजिस्ट्रेशन : प्रगति मैदान में चल रहे ट्रेड फेयर में  राष्ट्रीय आवास विकास संगठन (एनएचडीओ) ने यूपी पवेलियन में अपना स्टाल लगाया है. जहाँ जिनके पास मकान नहीं है वैसे बेघर लोग अपना यहां पर नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं चुकाना होगा. यह सुविधा 27 नवम्बर तक ट्रेड फेयर के दौरान मिलेगी.



राष्ट्रीय आवास विकास संगठन (एनएचडीओ) के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक सभी को मकान मुहैया कराने के मिशन को साकार करने में सहयोग कर रहे हैं. इसके लिए यहां पर यह स्टाल लगाया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार जो आंकड़े बता रही है उससे तीन गुणा से भी ज्यादा मकानों की जरूरत है. इसलिए हम लोग पूरे देश में कितने लोगों को सही मायने में घर की जरूरत है , इसके लिए डेटा एकत्र कर रहे हैं. चूंकि ट्रेड फेयर में दिल्ली ही नहीं बाहर से भी लोग आते हैं इसलिए यहां बड़ी संख्या में वैसे लोगों के आंकड़े हमें मिल जाएगें जिनके पास सही मायने में मकान नहीं है.

इटपो का पीआर विभाग अधिकारिक जानकारी मुहैया कराने में है नाकाम : कहने को तो इटपो का पीआर विभाग मीडिया को जानकारी मुहैया कराने के लिए है, लेकिन उसी के पास किसी भी तरह की मेले से जुड़ी जानकारी नहीं है. जब भी पीआर विभाग के अधिकारियों से मेले में आने वाले दर्शकों की संख्या समेत अन्य जानकारियां उनके पास नहीं है. जब भी किसी भी तरह की कोई जानकारी मांगी जाती है तो वह जानकारी नहीं होने की असमर्थता जाहीर करते है.

 

 

सहारा न्यूज ब्यूरो


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