राजधानी में 40 निजी अस्पतालों पर कसा शिंकजा
दिल्ली सरकार ने 40 से ज्यादा निजी अस्पतालों पर गरीब मरीजों का इलाज करने में लापरवाही बरतने पर उनका पंजीकरण रद्द करने की चेतावनी दी है.
दिल्ली सरकार ने 40 निजी अस्पतालों पर कसा शिंकजा |
इन फाइव स्टार अस्पतालों के मैनेजमेंट के प्रतिनिधि को शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में बुलाकर आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्लूएस श्रेणी) मरीजों को भर्ती करने की सलाह दी गई अन्यथा सरकार उनका पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई कर सकती है.
बैठक में मैक्स, फोर्टिस, बत्रा हास्पिटल, शांति मुकुंद अस्पताल, जयपुर गोल्डेन अस्पताल, नेशनल हार्ट इंस्टीटय़ूट व सरोज अस्पताल के प्रतिनिधि शामिल थे.
दिल्ली सरकार के नियम के अनुसार रियायती दर पर भूमि प्राप्त करने वाले अस्पतालों को ओपीडी में 20 प्रतिशत मरीजों को मुफ्त सेवा देनी होगी व भर्ती करने में 9 प्रतिशत गरीब मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराना होगा लेकिन निजी अस्पताल गरीब मरीजों को भर्ती करने में आना-कानी कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार पूर्व में भी कई बार अस्पतालों को चेतावनी दी गई लेकिन अब तक यह सुविधा सही तरीके से अस्पताल नहीं उपलब्ध करा रहे हैं. इस संबंध में सरकार के पास लगातार शिकायत मिल रही है.
इसी आधार पर सरकार ने अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे गरीब मरीजों की भर्ती में आना-कानी न करें. अन्यथा सरकार उनका पंजीकरण रद्द करेगी. साथ ही भूमि आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी व जुर्माना लगाया जाएगा.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अधिकारियों ने सरकारी भूमि पर बने आलीशान 40 निजी अस्पतालों के प्रबंधन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर नियमानुसार गरीब मरीजों का इलाज व उनकी भर्ती प्रक्रिया को सुगम करने पर विचार विमर्श किया.
इन अस्पतालों को बेहद कम मूल्य पर भूमि आवंटन की गई है. दिल्ली सरकार द्वारा भूमि आवंटन रद्द करने को अधिकृत एजेंसी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को भी पत्र लिखकर स्पष्ट किया जाएगा.
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