बवाना उपचुनाव में केजरीवाल की अग्नि परीक्षा

Last Updated 21 Aug 2017 07:00:04 AM IST

बवाना विधानसभा उप चुनाव आप, खासतौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए अग्नि परीक्षा है. परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि भाजपा दिल्ली के दिल में, है या नहीं. कांग्रेस के साफ-सुथरे प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन भी पूरी ताकत झोंके हुए हैं.


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

यहां से कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार की पकड़ और माकन भी छवि का भी मूल्यांकन होना है. यहां चुनाव प्रचार सोमवार देर शाम थम जाएगा. वोटिंग 23 अगस्त को है. चुनाव परिणाम 28 अगस्त को आएगा.

गौरतलब है कि बवाना उप चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है. केजरीवाल लगातार जनसभा और जनसंपर्क कर रहे हैं. आप सरकार के मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत व राजेंद्र पॉल गौतम यहां लगातार डेरा डाले हुए हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जिस प्रकार नगर निगम चुनाव में मतदाताओं को भय दिखाते हुए कहा था कि निगम में यदि भाजपा सत्ता में आती है तो बिजली और पानी निगम के पास चला जाएगा, जिसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ेगा.

ठीक उसी प्रकार आज फिर केजरीवाल ने तुरूप का पत्ता चला. उन्होंने बवाना वासियों के नाम एक पर्चा बंटवाया है. पर्चे में लिखा है कि भाजपा और कांग्रेस के विधायक जीतेंगे तो बवाना के विकास के लिए मात्र चार करोड़ रुपए खर्च कर पाएंगे और आप विधायक जीतेगा तो 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसका अर्थ यह है कि यदि बवाना में आप की हार होती है तो दिल्ली सरकार की ओर से यहां के लिए कुछ नहीं किया जाएगा.

हालांकि नगर निगम चुनाव में जिस तरह केजरीवाल मोदी पर हमला बोल रहे थे बवाना में मोदी पर हमला नहीं बोल रहे हैं. यहां भाजपा और कांग्रेस पर ही हमलावर हैं. इसके अलावा वे ईवीएम को लेकर भी सवाल नहीं उठा रहे हैं. यहां भाजपा और कांग्रेस से दो कदम आगे बढ़कर केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा उनकी जड़ में मठ्ठा डाल रहे हैं. कपिल ने रविवार को केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचारों की प्रदर्शनी लगायी है. तीन दिन से लगातार कपिल मिश्रा केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं.



दूसरी तरफ भाजपा के लिए भी यह सीट साख का सवाल बन चुकी है. आप छोड़कर आए वेद प्रकाश को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया तो नाराज होकर भाजपा के पूर्व विधायक और पूर्व पाषर्द आप में शामिल हो गए. जाट बहुल इलाके को देखते हुए भाजपा ने सांसद प्रवेश वर्मा को प्रभारी बनाया. नतीजतन प्रवेश वर्मा से नाराज जाट बिरादरी के लोग पार्टी के लिए प्रचार करना बंद कर दिए.

पार्टी में गुटबाजी की वजह से पूर्व विधायक कुलवंत राणा भी प्रचार नहीं कर रहे हैं. पूर्व विधायक व मौजूदा जिलाध्यक्ष नीलदमन खत्रीजाट विरादरी के लोगों को मनाने में जुटे हैं. खैर स्थिति को देखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, सांसद उदित राज और संघ से जुड़े सभी कद्दावर नेता एक सप्ताह से डेरा डाले हुए हैं. बूथ मैनेजमेंट को लेकर काम तेजी से चल रहा है.

भाजपा यहां महापंचायत कर रही है. इसमें केंद्रीय मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह, हरियाणा सरकार के मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और अरविंद शर्मा मौजूद रहेंगे. दिल्ली देहात में मोदी लहर और केजरीवाल की छवि को लेकर लिटमस टेस्ट है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन भी एड़ी-चोटी का जोर  लगाए हुए हैं. माकन ने भी बवाना में कई बार पदयात्राएं की हैं. चूंकि इलाके में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी ठीक-ठाक है इसलिए उनके साथ पूर्व विधायक शोएब इकबाल भी पदयात्रा कर चुके हैं. कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रह चुके सुरेंद्र कुमार की छवि भी अच्छी है. इसलिए पार्टी ने एक बार फिर मौका दिया है.

 

 

रविशंकर तिवारी


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