डीयू में दिल्ली के छात्रों को मिले 85% आरक्षण

Last Updated 30 Jun 2017 05:18:52 AM IST

दिल्ली के छात्रों को दिल्ली विवि के 28 कॉलेजों में 85% आरक्षण देने तथा दिल्ली विवि एक्ट 1922 में संशोधन करने से संबंधित प्रस्ताव बृहस्पतिवार को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किए गए.


दिल्ली विधानसभा

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बिना राष्ट्र प्रेम व राष्ट्रवाद अधूरा है.

दिल्ली के छात्र-छात्राओं को दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में आरक्षण दिए जाने पर विधानसभा में चर्चा हुई. इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष के विभिन्न सदस्यों ने एक स्वर से दिल्ली के छात्र-छात्राओं को दिल्ली के कॉलेजों में दाखिले को लेकर होने वाली परेशानी का जिक्र किया और उन्हें 85 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग की. चर्चा का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आप सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कायरे का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि आप सरकार के कार्यकाल में 12 नए कॉलेज शुरू किए गए हैं लेकिन दिल्ली में प्रति वर्ष लगभग ढाई लाख छात्र 12वीं पास करते हैं जिन्हें आगे की शिक्षा के लिए कॉलेजों में दाखिला लेना जरूरी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1922 के दिल्ली विवि एक्ट में जो गलतियां की गई हैं उन्हें हमारी पीढ़ियां भुगत रही हैं.

उन्होंने दिल्ली के छात्र-छात्राओं को दिल्ली के कॉलेजों में 85 प्रतिशत आरक्षण देने तथा डीयू एक्ट में संशोधन करने से संबंधित दो प्रस्ताव पेश किए जिन्हें सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. पहले प्रस्ताव में कहा गया है कि दिल्ली के छात्र उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

दिल्ली विश्वविद्यालय में 28 कॉलेजों को दिल्ली सरकार द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित किया जाता है. दिल्ली से कर दाताओं का पैसा इन कॉलेजों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है इसलिए दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में दिल्ली के छात्रों के लिए 85% सीट आरक्षित होनी चाहिए. दूसरे प्रस्ताव में दिल्ली विश्वविद्यालय एक्ट की धारा 5 की उपधारा 2 में संशोधन कर करने की बात कही गई है.

भाजपा सदस्य मनजिन्दर जीत सिंह सिरसा ने जहां दिल्ली के छात्र-छात्राओं को 85 प्रतिशत आरक्षण की मांग को दोहराया वहीं उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15(1) के अन्तर्गत दिल्ली विवि और इसके कॉलेजों में दिल्ली के निवासियों को आरक्षण दिया जा सकता है. चर्चा की शुरुआत जरनैल सिंह व राजेश गुप्ता ने की तथा चर्चा में सौरभ भारद्वाज, ऋतुराज, अनिल वाजपेयी, अलका लांबा ने विचार व्यक्त किए.

समयलाइव डेस्क ब्यूरो


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment