महिला से दुष्कर्म की धमकी मामले में युवक को सात साल की कैद
दिल्ली की एक अदालत ने महिला से दुष्कर्म और उसे धमकी देने के मामले में 22 वर्षीय युवक को सात साल की कैद की सजा सुनाई है.
(फाइल फोटो) |
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने दक्षिणपश्चिम दिल्ली के रहने वाले राजेंद्र को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया और उस पर 40 हजार का जुर्माना भी लगाया.
विशेष फास्ट ट्रैक अदालत ने एक साल में इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली. अदालत ने दिल्ली जिला विधिक सहायता सेवा को निर्देश दिया कि वो सरकार द्वारा चलाई गई पीड़ित मुआवजा योजना के तहत पीड़ित महिला को उचित मुआवजा दे.
न्यायाधीश ने दोषी की उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि घटना के बाद महिला पुलिस के पास जाने के बजाए अपने घर गई. न्यायाधीश ने कहा, 'मुझे इसमें कुछ भी असामान्य नहीं लगता कि पीड़ित पहले अपने घर गई. आप हर दुष्कर्म पीड़िता से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वो सीघे पुलिस थाने जाएगी और अपनी रिपोर्ट दर्ज कराएगी.'
अदालत ने युवक की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि 21 वर्षीय पीड़ित ने पहले हुई हाथापाई की वजह से उसे मामले में झूठा फंसाया है. अदालत ने कहा, 'ये विश्वास करने योग्य नहीं है कि कोई लड़की किसी निर्दोष युवक को दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले में सिर्फ इसलिए फंसाएगी कि उसकी उसके साथ कहासुनी हुई थी.'
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 18 जनवरी 2016 की सुबह घने कोहरे के बीच जब युवती अपने घर से ऑफिस के लिए बस स्टैंड जा रही थी तो आरोपी ने उसे पीछे से पकड़ लिया और द्वारका के पास के एक गांव में खेत में ले गया. उन्होंने कहा, जब युवती ने शोर मचाया तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी. जब युवती ने भागने की कोशिश की तो आरोपी उसे खींचकर सुनसान जगह ले गया और उससे दुष्कर्म किया.
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