दिल्ली सरकार के संविदा कर्मचारी होंगे नियमित
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में अपने विभिन्न विभागों से 15 नवम्बर तक प्रस्ताव मांगे हैं.
अरविंद केजीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार (फाइल फोटो) |
उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी विभाग में खाली पद के स्थान पर कांट्रेक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करेगी और यदि उप राज्यपाल नजीब जंग ने सरकार के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी नहीं दी तो वह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी. संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में न्यायालय का एक आदेश है.
केजरीवाल ने संवाददाताओं से यहां कहा,‘दिल्ली कैबिनेट ने सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का गत वर्ष निर्णय किया था. इसकी शुरुआत करते हुए शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया था और उसे उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजा गया था. यद्यपि उपराज्यपाल ने अभी तक उसे अपनी मंजूरी नहीं दी है.’
उन्होंने कहा कि अलग-अलग विभागों से प्रस्ताव प्राप्त करने के बजाय हमने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रस्ताव 15 नवम्बर तक भेज दें ताकि सरकार सभी प्रस्तावों पर एकसाथ निर्णय ले सके. यह निर्णय मुख्यमंत्री के आवास पर उनकी अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.
मुख्य सचिव केके शर्मा को विभिन्न विभागों के प्रस्तावों प्राप्त करने के लिए निगरानी का निर्देश दिया गया है. केजरीवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का उमा देवी मामले में निर्णय था जिसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के बारे में कुछ शत्रें उल्लेखित की गई हैं. उन्होंने कहा कि उक्त फैसले के तहत इसके लिए एक खुली परीक्षा होनी चाहिए. इसके अलावा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के दौरान अनुभव और आयु पर कुछ छूट दी जा सकती है.
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