आप सरकार ने विज्ञापन बजट में रखे 526 करोड़
दिल्ली सरकार ने अपनी योजनाओं के प्रचार के लिए 2015-16 में 526 करोड़ 19 लाख रुपए का भारी भरकम बजट रखा है.
अरविंद केजरीवाल एवं प्रशांत भूषण (फाइल फोटो) |
यह राशि पिछले साल महज 24 करोड़ रुपए थी. आप से निष्कासित नेता व जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने आप सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाया जा रहा विज्ञापन अभियान उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन ही नहीं, उसकी अवमानना भी है और इस मामले को जल्द ही शीर्ष न्यायालय के ध्यान में लाया जाएगा. वहीं कांग्रेस और भाजपा ने भी इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल पर हमला बोला.
आप नेतृत्व के प्रखर आलोचक होने के कारण पार्टी से निष्कासित प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री को छोड़कर अन्य राजनीतिक नेताओं के फोटो छापने पर ही रोक नहीं लगायी है बल्कि राजनीतिक पार्टी के प्रचार के लिए सरकारी विज्ञापन और जनता के धन के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया है.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जिस तरह से महंगा विज्ञापन अभियान शुरू किया है वह कोर्ट के आदेशों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन ही नहीं, उसकी अवमानना भी है. इन विज्ञापनों को जो कहा, सो किया स्लोगन के साथ प्रचारित किया जा रहा है, जो पार्टी के चुनाव के दौरान किये गये वादों को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों का गुणगान है.
उन्होंने कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि वह रेडियो के जरिये विज्ञापन चलाकर न्यायालय के आदेश से बच सकता है तो यह उसकी गलतफहमी है.
अदालत का आदेश केवल फोटो युक्त विज्ञापन पर ही रोक नहीं लगाता है वरन वह जनता के पैसे से सरकार और पार्टी के प्रचार पर भी रोक लगाता है. उन्होंने कहा कि इस मामले को जल्द ही उच्च्तम न्यायालय के ध्यान में लाया जाएगा कि किस तरह राजनीतिक दल उसके आदेश की मूल भावना का उल्लंघन कर रहे हैं.
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