70 साल होगी विवि शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र!
दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत देशभर के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के स्थायी शिक्षकों के लिए राहत की खबर है.
70 साल होगी विवि शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र! |
अब विश्वविद्यालय शिक्षकों की रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष बढ़कर 70 वर्ष हो सकती है. दरअसल केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने लोकसभा के एक प्रश्न के जवाब में यह बताया है कि 39 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में 16 हजार 692 स्वीकृत पदों में से 6 हजार 251 पद अरसे से खाली पड़े हैं.
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की इस कमी को देखते हुए खाली पदों की उपलब्धता और शिक्षकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर 65 वर्ष की आयु के बाद भी उन्हें 70 वर्ष तक अनुबंध के आधार पर पुन: नियुक्त किया जा सकता है.
इस बाबत ऑपरेशन फैकल्टी रिचार्ज योजना के तहत शिक्षक 65 वर्ष की आयु के बाद पहले तीन साल फिर दो साल पुन: नियुक्ति के तहत काम कर सकेंगे. इसमें शिक्षकों की कमी और उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर यह लाभ दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि अब तक विश्वविद्यालयों में शिक्षकों सेवाकाल 65 साल का होता है, लेकिन अब इसे बढ़ाने की योजना पर काम किया जा रहा है. हालांकि इस फैसले को लेकर अभी से ही विरोध शुरू हो गया है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी-एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम ने केन्द्रीय मंत्री द्वारा दिये गये इस वक्तव्य पर नाराजगी जताई है. फोरम के अध्यक्ष हंसराज सुमन का कहना है कि यह उच्च शिक्षा में युवा आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों को बेरोजगारी की ओर धकेलने का एक षड्यंत्र किया जा रहा है.
प्रो. सुमन ने बताया कि वर्षो से विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में शिक्षकों का बैकलॉग खाली पड़ा है. जिससे भरने के लिए सरकार उचित कदम नहीं उठा रही है. इतना ही नहीं कॉलेजों ने अपना रोस्टर ही नहीं बनाया है और जो नियुक्तियां हाल-फिलहाल में हुई हैं, उसमें राजनीतिक हस्तक्षेप पूरी तरह से हावी रहा है और अब नया फॉर्मूला तैयार करके युवा बेरोजगारों को उनके उस व्यवसाय से बाहर किया जा रहा है. इससे न केवल आरक्षित वर्ग के लोगों का बैकलॉग खत्म हो जाएगा, बल्कि उच्च शिक्षा में यह वर्ग प्रवेश नहीं कर सकेगा.
प्रो. सुमन ने कहा कि मंत्री द्वारा यह तर्क देना कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, अपने आप में निराधार है. प्रो. सुमन ने बताया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवाकाल की सीमा बीते साल यूपीए सरकार के समय 65 साल से 70 किये जाने को लेकर प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन विरोध के चलते यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
प्रो. सुमन ने बताया कि अकेले डीयू से सम्बद्ध कॉलेजों में 4500 शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं. यदि रिटायरमेंट की उम्र 70 वर्ष कर दी जाती है तो बैकलॉग और बढ़ जाएगा. साथ ही जो शिक्षक तदर्थ तौर पर काम कर रहे हैं, उन्हें और पांच साल तक इंतजार करना होगा. प्रो. सुमन ने चेतावनी दी है कि ऐसा प्रस्ताव लागू किया गया तो इसके विरोध में देश भर में प्रदर्शन किया जाएगा.
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