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MP: औद्योगिक क्षेत्र की ऑक्सीजन का उपयोग भी कोरोना मरीजों के लिए होगा | ||||
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मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी, जरूरत पड़ने पर औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग में लाई जा रही ऑक्सीजन का भी उपचार में प्राथमिकता से उपयोग होगा। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कोरोना की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। आवश्यक हो तो प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग में लाई जा रही ऑक्सीजन का भी उपचार में प्राथमिकता से उपयोग होना चाहिए। इसके साथ ही आम जन द्वारा मास्क के उपयोग की अनिवार्यता भी सुनिश्चित हो। इसके लिए भी अभियान चलता रहे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनलॉक के बाद अब बाजार खुल रहे हैं, साथ ही चुनौती भी बढ़ रही हैं। इसलिए निरंतर सावधानियां बरती जाएं। इसके साथ ही बसों में यात्री अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं, यह परिवहन विभाग सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चार बड़े नगरों भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर में जिलों से काफी रोगी आते हैं। यह स्थिति बहुत आदर्श नहीं है क्योंकि अन्य जिलों में भी नागरिक इलाज करवा सकते हैं। इन अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से अधिक बिस्तर व्यवस्था भी की जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि इस समय प्रदेश में रिकवरी रेट 76 प्रतिशत है। मध्य प्रदेश में मृत्यु दर भी कम हुई है। मृत्यु दर 2.4 फीसदी से 1.4 प्रतिशत पर आ गई है। इस समय मध्य प्रदेश में करीब 17 हजार एक्टिव केस हैं। राज्य में लगभग 40 प्रतिशत रोगी घरों में क्वारंटाइन होकर उपचार लाभ ले रहे हैं। निजी अस्पतालों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में बेड उपलब्धता की समस्या नहीं है लेकिन भविष्य के महीनों के लिए आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। इस समय भोपाल, इंदौर जैसे नगरों में आईसीयू बेड लगभग 55 प्रतिशत भरे हुए हैं। वर्तमान में करीब 21 प्रतिशत रोगी जिनमें कोविड के लक्षण हैं, ऐसे रोगी होम आइसोलेशन है। अब फीवर क्लीनिक में सेंपल कलेक्शन दिया जा सकेगा। इसके साथ ही कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत अस्पताल दाखिल रोगी को व्यय की गई राशि का बिल भी देंगे।
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