मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

Last Updated 21 Aug 2019 10:08:27 AM IST

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर (89) का बुधवार सुबह लंबी बीमारी के चलते भोपाल में निधन हो गया। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे।


पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि उनका लम्बा राजनीतिक जीवन जनता की सेवा में समर्पित रहा और वह राज्य के विकास की खातिर किये गए कार्य के लिए हमेशा याद किये जायेंगे ।      

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘बाबूलाल गौर जी का लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित था। जनसंघ के समय से ही उन्होंने पार्टी को मज़बूत और लोकप्रिय बनाने के लिए मेहनत की। मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में मध्यप्रदेश के विकास के लिए किए गए उनके कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे।’’  उन्होंने कहा ‘‘ बाबूलाल गौर जी के निधन से गहरा दु:ख हुआ। ईश्वर शोक संतप्त परिवार को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे।’’

 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने बताया कि गौर लंबे समय से बीमार चल रहे थे और एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। बुधवार सुबह उनका निधन हो गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल ग़ौर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘श्री गौर के निधन से मुझे गहरी वेदना हुई है। सरकार और संगठन में विभिन्न पदों पर रहे बाबूलालजी कुशल संगठक और कर्मठ प्रशासक थे। काम करने की उनकी लगन और ललक लोगों को प्रेरणा देती थी। ईश्वर उनके परिवार को यह दु:ख सहन करने की शक्ति दें।’’

शाह ने ट्वीट कर कहा,‘‘श्री गौर जी के निधन का दुखद समाचार सुनकर गहरी वेदना हुई। उनका पूरा जीवन प्रदेश की जनता की सेवा में समर्पित रहा। गौर ‘भारतीय मजदूर संघ’के संस्थापक सदस्य थे। उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया जिसके लिए उन्हें 19 माह जेल में भी रहना पड़ा। उन्होंने ‘गोवा मुक्ति आन्दोलन’ में भी सक्रिय भूमिका निभाई। मध्यप्रदेश में भाजपा को सशक्त करने और जनता के हितों के लिए उनके संघर्ष सदैव याद किये जायेंगे। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।’’

नड्डा ने गौर को पार्टी के प्रति समर्पित नेता बताते हुए कहा,‘‘ श्री गौर जी ‘भारतीय मजदूर संघ’के संस्थापक सदस्य रहे और उन्होंने‘गोवा मुक्ति आंदोलन’में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनता की सेवा एवं राष्ट्र के विकास के प्रति उनका समर्पण सदैव हम सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। जनसंघ काल के वरिष्ठ नेता, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के निधन से उनका मन व्यथित है।  गौर ने अपना सम्पूर्ण जीवन राज्य के विकास को समर्पित किया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोकाकुल परिजनों को दु:ख सहने की शक्ति दें।’’

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंी बाबूलाल गौर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि गौर भोपाल के विकास के लिए हमेशा चिंतित रहते थे और उनका निधन प्रदेश की राजनीति से एक ऐसे व्यक्ति का चले जाना है, जो दलीय राजनीति से ऊपर सर्वमान्य नेता थे।

गौर 1974 में भोपाल की गोविदपुरा सीट पर उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने इस सीट से लगातार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया। वे लगातार 10 विधानसभा चुनाव जीते।

गौर मार्च 1990 से दिसंबर 1992 तक मध्यप्रदेश में भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री, स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य और संसदीय कार्यमंत्री रहे। अगस्त 2004 में उन्होंने उमा भारती के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला । 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा फिर सत्ता में आई और उन्हें मंत्री बनाया गया।

बाबूलाल गौर को सख्त छवि के लिए भी जाना जाता है। नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए उन्होंने अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर बुलडोजर चलवा दिए थे। तब से उन्हें बुलडोजर मंत्री के रूप में पहचाना जाने लगा।

 

एजेंसियां


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