व्यापमं घोटाला : सीबीआई का छूट रहा पसीना

Last Updated 07 Mar 2017 05:34:59 AM IST

मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले की जांच में सीबीआई का पसीना छूट रहा है.




व्यापमं घोटाले का मामला

दरअसल, जांच में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि न तो अभियुक्तों के नाम का पता है और न ही उनके ठिकानों का. ऐसे में जांच कैसे पूरी होगी और अभियुक्त कैसे सलाखों के पीछे जाएंगे यह बड़ा सवाल है.

अब तक 80 से ज्यादा ऐसे अभियुक्त हैं जिनका नाम तो दूर उनके ठिकानों तक का पता सीबीआई को मालूम नहीं हो पाया है. लगता है कि वे गुमनाम हैं. अमेरिका के एफबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली जांच पद्धति को भी सीबीआई अपना रही है, मगर नतीजा सिफर है.

जांचकर्ता को इस मामले से संबंधित 170 अभियुक्तों के नाम और ठिकानों की जानकारी एकत्र करने में पसीना छूट रहा है. सीबीआई को जो नाम, फोटो या ठिकानों का पता है वे गलत हैं.

सूत्रों के अनुसार इससे साफ हो गया है कि या तो फोटो गलत है या फिर पकड़े गए कुछ अभियुक्तों द्वारा दी गई जानकारी. सूत्रों के अनुसार सीबीआई के पास 80 से ज्यादा अभियुक्तों की फोटो है, मगर वे बेकार हैं.

एक ऐसा ही मामला सीबीआई के मुकदमा नं. आरसी 104/15 का है. इसमें जांचकर्ता ऐसे 12 अभियुक्तों का पता लगाने में जुटा है जिनका न तो कोई नाम है और न कोई पता, बस है तो सिर्फ फोटोग्राफ.

जांच में यह पाया गया है कि सभी अभियुक्त मेडिकल टेस्ट 2009 में उपस्थित हुए थे जिसे व्यापमं द्वारा संचालित किया गया था. इसी तरह एक और मामला मुकदमा नं.आरसी 05/15 का है. इसमें सीबीआई को छह अभियुक्तों की तलाश है. ऐसा ही मामला मुकदमा नं. आरसी 27/15 और आरसी 78/15 का है. इसमें भी सीबीआई पीएमटी की 2010 में हुई परीक्षाओं की अनियमितताओं के सिलसिले में छह अभियुक्तों को ढूंढ ही रही है. सीबीआई की परेशानी यहीं खत्म होती नजर नहीं आ रही है. कुछ ऐसे भी मामले हैं जिसमें फोटो के ऊपर कुछ और नाम लिखा है.

मसलन मुकदमा नं. आरसी 32/15 का है जो पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा से संबंधित है. इसमें फोटो पर अभियुक्त का नाम सतवीर लिखा है. लेकिन इस नाम के आधार पर जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है. एक मुकदमा नं. आरसी 97/15 का है जो वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 का है.  इसमें भी सीबीआई को तीन अभियुक्तों की तलाश है. फोटो पर सुनील, निहाल सिंह और आकाश लिखा है.

कुणाल
समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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