सिमी सरगना नागौरी समेत 11 को उम्रकैद
मध्य प्रदेश के इंदौर कि विशेष अदालत ने सिमी सरगना सफदर हुसैन नागौरी समेत इस प्रतिबंधित संगठन के 11 कार्यकर्ताओं को देशद्रोह के नौ साल पुराने मुकदमे में सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई.
(फाइल फोटो) |
अहमदाबाद की साबरमती केंद्रीय जेल में बंद 10 मुजरिमों की गुहार पर उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाया गया.
विशेष अपर सत्र न्यायाधीश बीके पालोदा ने सभी 11 सिमी कार्यकर्ताओं को भारतीय दंड विधान की धारा 124-ए (देशद्रोह), 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाना और सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले काम करना), विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम और अन्य सम्बद्ध कानूनों के तहत दोषी करार दिया.
देशद्रोह के मुजरिमसफदर हुसैन नागौरी (45), हाफिज हुसैन (35), आमिल परवाज (40), शिवली (38), कमरुद्दीन (42), शाहदुली (32), कामरान (40), अंसार (35), अहमद बेग (32) यासीन (35) और मुनरोज (40) शामिल हैं. नागौरी, परवाज, हुसैन, कमरुद्दीन, कामरान, शिवली और अहमद बेग को भारतीय दंड विधान की धारा 122 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार जमा करना) के तहत भी दोषी करार दिया गया.
अदालत ने अपने 84 पृष्ठ के फैसले में कहा, ‘‘मुजरिमों की गतिविधियों से प्रकट होता है कि विधि द्वारा स्थापित संवैधानिक भारत सरकार में उनका कोई विश्वास नहीं है. उनके कृत्य राष्ट्रीय एकता और अखंडता के विरुद्ध हैं. वे धार्मिक विद्वेष के आधार पर सम्पूर्ण मानवता के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करने के लिए किए गए अवैध क्रियाकलापों में शामिल हैं.’
अभियोजन पक्ष ने सिमी कार्यकर्ताओं पर जुर्म साबित करने के लिये 27 गवाहों को अदालत में पेश किया.
सरकारी वकील विमल मिश्रा ने बताया कि मुनरोज को छोड़कर शेष 10 मुजरिम अहमदाबाद के साबरमती केंद्रीय जेल में बंद हैं. मुनरोज लंबे समय से जमानत पर बाहर चल रहा था. वह फैसले के वक्त इंदौर की अदालत के सामने पेश हुआ.
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