झारखंड विधानसभा में स्पीकर ने राज्यपाल पर साधा निशाना, कहा- भाजपा के इशारे पर काम कर रहा राजभवन

Last Updated 26 Jun 2023 03:26:14 PM IST

झारखंड में सत्तारूढ़ पार्टी और राजभवन के बीच की तल्खियां एक बार फिर बढ़ने लगी हैं। झारखंड विधानसभा के स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने राजभवन पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है।


झारखंड विधानसभा के स्पीकर रवींद्रनाथ महतो (फाइल फोटो)

उन्होंने पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा कि विधानसभा के विशेष सत्रों में पारित प्रस्तावों को लागू करने में राजभवन लगातार अड़चन पैदा कर रहा है। इसे लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया है।

बता दें कि स्पीकर रवींद्रनाथ महतो झामुमो के वरिष्ठ नेता और नाला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं।

स्पीकर ने कहा है कि विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की धार्मिक पहचान सुनिश्चित करने के लिए सरना धर्म कोड लागू करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से लागू करने का प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन राजभवन ने इसे लौटा दिया।

झारखंड में स्थानीयता (डोमिसाइल) तय करने के लिए 1932 के जमीन खतियान को आधार बनाने का बिल भी विधानसभा से पारित कर राजभवन को भेजा गया लेकिन वह भी लौटा दिया गया। इससे साफ लगता है कि राजभवन भी भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि यह धर्म कोड पारित हो गया होता तो इससे पता चलता कि देश में आदिवासी भाई-बहनों की संख्या कितनी है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह समझ से परे है।

गौरतलब है कि जनवरी 2023 में तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति से संबंधित विधेयक को राज्य सरकार को वापस लौटा दिया था। उन्होंने विधानसभा के विशेष सत्र में पारित संबंधित विधेयक झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक-सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक 2022 की पुर्नसमीक्षा करने के लिए बिल को वापस राज्य सरकार को भेज दिया था।

झारखंड सरकार ने बीते वर्ष 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरना-आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पास कराया था। विधानसभा ने गृह विभाग को प्रस्ताव पास होने की जानकारी दी थी। इसके बाद गृह विभाग ने कैबिनेट को जानकारी दी और राजभवन को सूचना देकर प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया।

इधर स्पीकर के इस बयान पर पूर्व स्पीकर और रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि स्पीकर रवींद्रनाथ महतो का इस प्रकार बयान गरिमा के अनुकूल नहीं हैं। राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं और स्पीकर विधानसभा के संवैधानिक प्रमुख हैं। स्पीकर राजनीति से प्रेरित बयान दें, यह उचित नहीं है।
 

आईएएनएस
रांची


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