झारखंड में हर रोज मिल रहे हैं तीन एचआईवी संक्रमित

Last Updated 01 Dec 2022 07:30:10 PM IST

झारखंड में एचआईवी संक्रमितों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में हर रोज औसतन तीन एचआईवी संक्रमितों की पहचान हो रही है। इस साल अक्टूबर महीने के अंत तक यानी दस महीने में राज्य में 1042 नए एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है।


झारखंड में एचआईवी संक्रमित

इसके साथ ही राज्य में कुल एचआईवी पॉजिटिव की संख्या 14053 पहुंच गई है। इनमें 6639 महिलाएं और 6281 पुरुष हैं।

बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। राज्य में 652 बालक और 452 बालिकाएं भी एचआईवी पॉजिटिव हैं। मरीजों के इलाज और उनके पुनर्वास के लिए काम कर रही संस्थाओं द्वारा समय-समय पर जारी स्टडी रिपोर्ट की मानें तो राज्य में एचआईवी संक्रमण के 90 प्रतिशत से भी ज्यादा मामलों में यह पाया गया है कि रोजगार के सिलसिले में बाहर के प्रदेशों में लंबे समय तक रहनेवाले लोग संक्रमण लेकर लौट रहे हैं। इनमें निम्न आय वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है। ऐसे सैकड़ों केस हैं जिसमें ट्रक ड्राइवर और प्रवासी मजदूर बाहर से संक्रमण लेकर आये।

झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी का दावा है कि मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग और काउंसलिंग की जा रही है। गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच अनिवार्य तौर पर करायी जा रही है कि ताकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं से बच्चों में एड्स के संक्रमण को रोका जा सके। हालांकि पिछले एक साल में जिन एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है, उनमें 112 गर्भवती महिलाएं भी हैं। सोसायटी उन लोगों को ही एक्टिव संक्रमित मानता है, जो एआरटी सेंटरों में पहुंचकर जांच कराते हैं। एड्स और एचआईवी संक्रमितों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्हें अंत्योदय अन्न योजना, आयुष्मान भारत, जनधन योजना, इंटिग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन से भी जोड़ा गया है। बता दें कि बीते वर्ष 15 नवंबर से झारखंड सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना शुरू की है। इसमें एचआईवी संक्रमितों को भी हर माह 1000 रुपये पेंशन देने का प्रावधान है।

आईएएनएस
रांची


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