देवघर के 22 मंदिरों में अर्पित होने वाला जल रिसाइकिल होकर बाबा नीर के नाम से बिकेगा

Last Updated 31 Mar 2022 08:05:44 PM IST

झारखंड के बाबाधाम स्थित मंदिरों में अर्पित किया जाने वाला जल अब बर्बाद नहीं होगा। यहां के 22 प्रमुख मंदिरों से निकलने वाले पानी को रिसाइकिल कर उसके बेहतर उपयोग की योजना पर काम शुरू हो गया है।


देवघर स्थित बाबाधाम हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल हैए जहां देश विदेश से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। यहां के विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले में प्रतिदिन औसतन डेढ़ लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। कांवड़िए और श्रद्धालु बिहार के सुल्तानगंज में गंगा नदी से जल उठाते हैं और लगभग 120 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर बाबाधाम में ज्योतिलिर्ंग पर जलार्पण करते हैं।

देवघर नगर निगम और जिला प्रशासन की योजना है कि रिसाइकिल किया गया पानी चरणामृत और बाबा नीर के नाम से बेचा जायेगा। पानी को रिसाइकिल करने के लिए देवघर के मानसरोवर में फुटओवरब्रिज के पास लगभग 50 लाख की लागत से फिल्टरेशन प्लांट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। देवघर के मुख्य मंदिर सहित तीर्थक्षेत्र के 22 प्रमुख मंदिरों से निकलने वाला पानी इस प्लांट में जमा होगा। बेलपत्र जैसी पूजन सामग्री को अलग किया जायेगा। पूजन सामग्री के इन अवशेषों के भी बेहतर उपयोग को लेकर अलग से योजना बनाई जा रही है।

प्लांट के निर्माण में प्राकृतिक तरीके से जल संरक्षण के उपाय भी किये जा रहे हैं। इससे प्लांट के आस पास के इलाके में भूमिगत जल का स्तर भी बेहतर होगा। शुरूआत में इस प्लांट के जरिए करीब तीन हजार लीटर पानी रिसाइकिल किया जायेगा। नगर निगम प्रशासन का मानना है कि रिसाइकिल किया गया यह जल श्रद्धालु चरणामृत के रूप में लेना पसंद करेंगे। हिंदू धर्म में पूजा अर्चना के बाद पवित्र चरणामृत लेने की परंपरा रही है।

आईएएनएस
देवघर


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