छत्तीसगढ़ में इस साल कितने बड़े नक्सली हमले हुए

Last Updated 27 Apr 2023 12:57:18 PM IST

जब भी छत्तीसगढ़ (Chhattishgarh) में चुनाव साल होता है क्षेत्र में नक्सली हमले (Naxalite Attack) तेज हो जाते हैं। हाल ही के दंतेवाड़ा जिले में नक्सली हमले में भारतीय सेना के दस जवानों की मौत हो गयी, जिसके कई जवान भी घायल हो गये।


छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला (प्रतिकात्मक चित्र)

बता दें यह हमला उस समय जब पुलिस जवानों की टीम बारिश में फंसे सुरक्षा बलों का रेस्क्यू करने जा रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने IED विस्फोट में पुलिसकर्मियों के वाहन पर हमला कर दिया। यह हादसा इतना भयानक था कि जवान जिस गाड़ी में मौजूद थे उसके परखच्चे उड़ गए।

छत्तीसगढ़ में हमेशा चुनावी दौर में राजनेता के साथ-साथ सुरक्षाबलों के जवान नक्सलियों के टारगेट पर रहते हैं।

अक्सर देखा गया है कि नक्सली गर्मी के मौसम में ज्यादा नक्सली हमले करते हैं। नक्सल एक्सपर्ट मानते हैं कि गर्मी के मौसम में नक्सली ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं, जनप्रतिनिधियों के लिए भी लोगों से संवाद करना गर्मी में सही समय रहता है।

बता दें कि साल 2013 में छत्तीसगढ़ में चुनाव के दौरान बड़ा नक्सली हमला हो चुका है। 25 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस के काफिले पर हमला कर तत्कालीन कांग्रेसी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल सहित दो दर्जन से ज्यादा नेता कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी। इस दौरान जवान भी शहीद हुए थे, वहीं इस साल चुनाव से पहले ही चार बीजेपी नेताओं की हत्या नक्सली कर चुके हैं।

छत्तीसगढ़ में इस साल चुनाव होना है, नक्सलियों के निशाने पर सुरक्षाबलों के साथ-साथ राजनेता भी है।

छत्तीसगढ़ में  इस साल जनवरी से अप्रैल तक कितने बड़े नक्सली हुए हैं

16 जनवरी  को कांकेर (Kanker) में BJP नेता बुधराम करटाम (Budhram Kartam) की संदिग्ध मौत हुई थी उनका शव घर से कुछ दूर सड़क किनारे मिला था।  बस्तर जिले के कोड़ेनार थाना क्षेत्र के किलेपाल में भाजपा जिला महामंत्री व आगामी विधानसभा चुनाव में चित्रकोट विधानसभा सीट के दावेदार बुधराम करटाम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बुधराम, सुबह चार बजे रोज की तरह सैर पर निकले थे। सात घंटे बाद करीब 11.30 बजे उनके घर से दो किमी दूर नेशनल हाईवे 30 पर पुलिया के नीचे उनका शव पड़ा मिला।
बता दें कि जहां उनका शव मिला है, उससे करीब आधा किमी पहले उनके जूते अलग-थलग पड़े हुए थे। बुधराम के शव पर सिर, जांघ व अन्य स्थान पर चोट के निशान भी देखे गए।

5 फरवरी  को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले (Bijapur) में एक बार फिर नक्सलियों ने एक जनप्रतिनिधि को मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं नक्सलियों ने पूरे परिवार के सामने इस वारदात को अंजाम दिया। उसूर ब्लॉक के बीजेपी मंडल अध्यक्ष और वरिष्ठ बीजेपी (BJP) नेता नीलकंठ कक्केम (Neelkanth Kakkem) की चाकू और कुल्हाड़ी से वार कर नक्सलियों ने हत्या कर दी।

10 फरवरी को भाजपा जिला उपाध्यक्ष सागर साहू (Sagar Sahu) को नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बस्तर के घोर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले (Narayanpur Distt) के छोटे डोंगर में BJP जिला उपाध्यक्ष सागर साहू (Sagar Sahu) को रात करीब आठ बजे दो अज्ञात लोगों ने घर में घुस के गोली मारकर हत्या कर दी।

11 फरवरी  को  दंतेवाड़ा में (Dantewada Naxal attack) नक्‍सलियों ने तीन जनप्रतिनिधियों की हत्‍या कर दी। नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में पूर्व सरपंच की हत्या कर दी। बारसूर थाना क्षेत्र के हितामेटा गांव के पूर्व सरपंच रामधर आलमी (Ramdhar Almi) 50 वर्ष की नक्सलियों ने चाकू मार कर हत्या कर दी। पूर्व सरपंच पारिवारिक कार्य से मुरुमवाडा नारायणपुर जिले के एक गांव में गए हुए थे। ये गांव हांदावाड़ा जलप्रपात के पास है, जहां नक्सलियों ने शनिवार रात को रामधर की हत्या कर दी। इससे पहले नक्‍सलियों बीजापुर और नारायणपुर में भी BJP के स्‍थानीय नेताओं को मौत के घाट उतार दिया।

सुरेन्द्र देशवाल
नई दिल्ली


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