छत्तीसगढ़ सरकार ने आरक्षण बढ़ाकर किया 82 प्रतिशत
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण को बढ़ाकर 82 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। देश के किसी राज्य में लागू यह सबसे अधिक आरक्षण है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटो) |
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कल यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम,1994 में संशोधन करने के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम संशोधन अध्यादेश, 2019 के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया।
इसके बाद अब राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़कर 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत हो गया। बैठक में सामान्य वर्गों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण करने का निर्णय लिया गया। बैठक में जनसंख्यात्मक जानकारी एकत्रित करने के लिये एक आयोग भी गठित करने का निर्णय लिया गया। राज्य में इसके अलावा अनुसूचित जनजाति वर्ग को 32 प्रतिशत मिलता है।
बैठक में प्रदेश के कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ और सरगुजा वनमंडल क्षेत्र के अंतर्गत 1995.48 वर्ग किमी क्षेत्र में लेमरू हाथी रिजर्व गठित करने का निर्णय लिया गया। इस रिजर्व के अंतर्गत 142 गांव आएंगे। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला एलीफेंट रिजर्व होगा जहां हाथियों का स्थायी ठिकाना बन जाने से उनकी अन्य स्थानों पर आवाजाही और इससे होने वाले जान-माल के नुकसान पर अंकुश लगेगा। वर्तमान में प्रदेश में कुल 237 हाथी हैं जो सरगुजा, बिलासपुर और रायपुर वन वृत्तों में भ्रमण कर रहे हैं।
मंत्रिपरिषद ने अबूझमाड क्षेत्र के असर्वेक्षित ग्रामों में वर्षों से निवासरत लगभग 50 हजार से अधिक लोगों को उनके कब्जे में धारित भूमि का मसाहती खसरा और नक्शा उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसान परिवारों के पास उनके कब्जे की भूमि का शासकीय अभिलेख उपलब्ध हो सकेगा और वे अपने काबिज भूमि का अंतरण कर सकेंगे। इस प्रकार अबूझमाड़ क्षेत्र अंतर्गत लगभग 10 हजार किसानों को 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि का स्वामित्व प्राप्त होगा।
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