रमन सिंह नौ साल से अपने वाहन पर नहीं लगाते लाल बत्ती
केन्द्रीय मंत्रिमंडल के देश में अतिविशिष्ट संस्कृति को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत सभी विशिष्ट लोगों के वाहनों पर लाल बत्ती हटाने के बुधवार को लिए गए निर्णय का गर्मजोशी से स्वागत करने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने वाहन पर पिछले नौ साल से लाल बत्ती नहीं लगाते है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (फाइल फोटो) |
छत्तीसगढ़ में 2004 के चुनावों में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से मुख्यमंत्री का पिछले लगभग साढ़े 13 वर्षों से दायित्व संभाल रहे डॉ सिंह ने वर्ष 2008 से अपने वाहन से लाल बत्ती हटवा दिया था. उनके काफिले में जरूर एक दो वाहन लाल बत्ती वाले रहते हैं लेकिन वह कभी उन वाहनों में नहीं चलते. जिलों के दौरों में भी वह लाल बत्ती लगे वाहनों पर नही चलते. इसके लिए कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश है कि वह बगैर लाल बत्ती के वाहन मुख्यमंत्री के लिए रखें.
सादगी पसन्द और लो प्रोफाईल की छवि रखने वाले डॉ सिंह नक्सलियों में हिटलिस्ट में सबसे ऊपर होने के बावजूद भी सुरक्षा सम्बन्धी तमाम निर्देशों को किनारे कर हेलीकाप्टर से गांवों में अचानक पहुंचने, स्कूली बच्चों के साथ जमीन में बैठकर मध्यान्ह भोजन करने, उज्जवला योजना के लाभार्थियों के किचन में जाकर महिलाओं से बात करने, किसानों से मिलने उनके खेत में पहुंच जाने में गुरेज नहीं करते.
हालांकि अतिविशिष्ट कल्चर से दूर रहने वाले डॉ सिंह के अधिकांश मंत्रिमंडलीय सहयोगी, निगम मंडलों के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी लाल बत्ती ही वाहनों पर नहीं लगाते बल्कि उनके द्वारा अतिविशिष्ट कल्चर के खुले प्रदर्शन की शिकायतें भी मिलती रहती है. इन लोगों को भी मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन की अधिसूचना जारी होने के बाद लाल बत्ती का मोह छोड़ने को विवश होना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री डॉ सिंह ने केन्द्र सरकार के इस निर्णय का ट्वीट के जरिए स्वागत करते हुए कहा कि औपनिवेशिक और वीआईपी कल्चर को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय का वह स्वागत करते है. डॉ सिंह ने आला अधिकारियों से कहा है कि केन्द्र से इस बारे से वह पूरा ब्यौरा हासिल करें जिससे कि राज्य में भी इस बारे में आदेश जारी किए जा सके.
इस बीच केन्द्रीय मंत्रिमंडल के बुधवार के निर्णय के बाद ही पुलिस महानिदेशक ए.एन उपाध्याय ने पुलिस मुख्यालय के राजपत्रित अधिकारियों को अपने वाहनों से बत्ती हटा लेने का आदेश जारी कर दिया. राज्य सरकार के इस बारे में निर्णय लेने से पहले ही उनके आदेश पर हालांकि प्रशासनिक हल्के में आश्चर्य भी जताया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ लाल बत्ती कल्चर को खत्म करने की पहल करने वाला पहला राज्य है. वर्ष 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने स्वयं अपने वाहन के साथ ही मंत्रियों के भी वाहन से लाल बत्ती हटवा दिया था. उस समय उनके इस निर्णय का उनके मंत्रियों ने विरोध भी किया था. बगैर लाल बत्ती लगे वाहन से जा रहे उनके मंत्रिमंडल के सदस्य रामपुकार सिंह के साथ कुछ घटना हो गई तो विधानसभा में इस पर तीखी बहस भी हुई थी. उनके सत्ता से हटने के बाद फिर लाल बत्ती की व्यवस्था बहाल हो गई थी.
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