हाथ में बेटे का शव लेकर मेकाज में भटकता रहा पिता
छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा जिले के निवासी एक पिता के अपने पांच साल के बच्चे के शव को लेकर शव वाहन के इंतजार में पांच घंटे तक भटकने का मामला सामने आया है.
(फाइल फोटो) |
मामले की जानकारी बस्तर संभागायुक्त को लगने के बाद उन्होंने रेडक्रॉस के वाहन का इंतजाम कराया, जिसके बाद बेबस पिता अपने मासूम के शव को ले जा सका.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक फुलगट्टा के रहने वाले तुलाराम के 5 साल के बेटे श्रवण को शुक्रवार को तेज बुखार की शिकायत के बाद दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
जिला अस्पताल में उसे मलेरिया होना बताकर जगदलपुर स्थित मेकाज रेफर कर दिया गया. बीमार बच्चा अस्पताल पहुंच पाता, इससे पहले रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
सोमवार सुबह 7 बजे मेकाज के डाक्टरों ने बताया कि यहां लाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी है, जिसके बाद पुत्र का शव हाथ में लेकर पिता मेकाज में भटकता रहा. उसे गांव लौटने के लिए मुक्तांजलि वाहन की जरूरत थी, लेकिन पूरे पांच घंटे इंतजार के बावजूद वाहन नहीं मिल सका.
इस बात की जानकारी बस्तर संभागायुक्त दिलीप वासनीकर को लगी, तब उन्होंने रेडक्रॉस वाहन उपलब्ध करवाया, जिसके बाद 12 बजे परिजन गांव के लिए रवाना हो सके.
घटना के बारे में मुक्ताजंलि के संयोजक देवीशंकर मिश्रा ने कहा कि एक वाहन शव लेकर दंतेवाड़ा गया था. उसे लौटने में देर हो गई. इसी वजह से तुलाराम को वाहन दिलवाने में विलंब हुआ.
इसके दो दिन पहले 31 दिसंबर को मारडूम थाना क्षेा के हर्राकोड़ेर की रहने वाली एक महिला के सात महीने के बच्चे की अलाव से झुलस कर मौत हो गई थी.
सुबह 11 बजे पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद शाम 5 बजे तक इंतजार करने पर शव वाहन मिला, जिसके बाद परिजन गांव के लिए रवाना हो सके.
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