लालू के पुत्रों का बड़ा इम्तिहान, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

Last Updated 07 Nov 2015 06:33:39 PM IST

बिहार विधानसभा सभा परिणाम जानने की जितनी उत्सुकता बिहार समेत देश की जनता हैं, उससे अधिक उतावलापन उन राजनीतिक दिग्गजों,उनके पुत्रों,रिश्तेदारों को भी है जिनका पूरा राजनीतिक भविष्य इस चुनाव परिणाम पर टिका है.


कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

इस चुनाव में जिन दिग्गजों के परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हुयी है , उनमें राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के पुा तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव प्रमुख रूप से शामिल है.

राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव जबकि महुआ सीट से तेज प्रताप यादव चुनावी समर में उतरे हैं.

अपने करिश्मे के दम पर बिहार की राजनीति और लोगों के दिलों में पिछले 25 वर्षों से विशेष जगह बनाकर रखने वाले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पिछले दो चुनावों से अपने परिवार के सदस्यों को जीत दिलाने में नाकाम रहे हैं , इसलिए भी इन दोनों सीटों के परिणामो पर सबकी नजर रहेगी.

इसके अलावा नीतीश सरकार में परिवहन मंत्री रमई राम, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह ,पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी,बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव,राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ,नीतीश सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले विजय कुमार चौधरी ,नीतीश सरकार में वित्त एवं उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव,खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक और पूर्व सांसद लवली आनंद शामिल है .

\"\"मुजफ्फरपुर जिले की बोचहा सुरक्षित सीट से राज्य के परिवहन मंत्री रमई राम की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है . वर्ष 1972 में श्री राम ने इस क्षेत्र से पहली बार ¨हदुस्तानी शोषित दल के टिकट पर चुनाव जीता था . इसके बाद उन्होंने जनता पार्टी, लोक दल, जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर वर्ष 1980,1985,1990,1995,2000,2005 फरवरी और अक्टूबर 2005 ,वर्ष 2000 में चुनाव जीता . हालांकि वर्ष 1977 के चुनाव में श्री राम को हार का सामना करना पड़ा था .

बिहार की ‘सिल्क नगरी’ के नाम से विख्यात भागलपुर जिले के कहलगांव विधानसभा सीट से रिकार्ड आठ बार जीत का परचम लहराने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानदं सिंह नौवीं बार जीत दर्ज कर अपने ही रिकार्ड को तोड़ने के इरादे से एक बार फिर इस क्षेा से चुनावी समर है. इस सीट से वर्ष 1969 से अब तक आठ बार विधायक चुने गये श्री सिंह इस चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस से ही अपना भाज्ञ आजमाया है.

गया जिले की सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इमामंगज सीट से विधानसभा अध्यक्ष एवं कद्दावर दलित नेता उदय नारायण चौधरी जनता दल (यूनाइटेड) से और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं जिनके बीच सीधा मुकाबला है .

जहानाबाद जिले के मखदुमपुर विधानसभा क्षेा से भी श्री मांझी चुनाव लड़ रहे हैं . श्री मांझी ने गत चुनाव में जदयू के टिकट पर राजद के धर्मराज पासवान को 5805 मतों के अंतर से पराजित किया था.श्री मांझी इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक हम के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं.

पटना जिले की की पटना साहिब सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है और यहां से बिहार विधानसभा के प्रतिपक्षा के नेता नंदकिशोर यादव लगातार पांच बार जीत दर्ज कर चुके हैं.

श्री यादव ने सबसे पहले चुनाव वर्ष 1995 में भाजपा के टिकट से लड़ा और तब वहां के विधायक एवं जनता दल के प्रत्याशी महताब लाल सिंह को परास्त कर अपनी जीत की नींव रखी. इसके बाद जो जीत का सिलसिला चला वह बदस्तूर वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव तक जारी रहा. इस बार भी पटना साहिब से भाजपा ने नंदकिशोर यादव पर ही भरोसा किया और उन्हें चुनावी समर में उतारा है.

सुपौल विधानसभा क्षेत्र से नीतीश सरकार में मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव चुनावी मैदान में हैं.विजेंद्र प्रसाद यादव वर्ष 1990 से छह बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 2010 के विधानसभा चुनाव में विजेंद्र प्रसाद ने राजद उम्मदीवार रविंद्र कुमार रमण को 15000 से अधिक वोटों से हराया था. भाजपा के टिकट पर पूर्व विधायक किशोर कुमार चुनावी मैदान में उतरे हैं.\"\"

पटना जिले की फुलवारी सुरक्षित विधानसभा सीट भी इस बार की हॉट सीट में शुमार की जा रही है . जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्याम रजक इस क्षेत्र से छठी बार सदन में दस्तक देने का भरोसा हैं .वर्ष 1995 में श्याम रजक ने जीत का पहला दस्तक देकर अपनी विधायक जीवन की शुरुआत की .

शिवहर जिले की एकमा सीट शिवहर विधानसभा सीट पर पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद चुनाव लड़ रही हैं. वह‘हम’के टिकट पर मैदान पर उतरी हैं. जदयू ने निवर्तमान विधायक शफरुद्दीन को एक बार फिर मैदान में उतारा है.शिवहर विधानसभा क्षेा में गत चुनाव में
शफरुद्दीन ने बहुजन समाज पार्टी(बसपा)उम्मीदवार प्रतिमा देवी को कड़े मुकाबले में 1631 मतों के अंतर से पराजित किया था . बसपा ने इस बार मो. इमामुद्दीन को अपना उम्मीदवार बनाया है.

लवली आनंद के यहां से चुनाव लड़ने से इस सीट के नतीजे को लेकर लोगों में उत्सुकता है .बिहार में इस बार सतारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ,राजद और कांग्रेस महागठबंधन बनाकर चुनाव मैदान में उतरी है . भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल है .




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