भारतीय समाज और राजनीति पर कर्पूरी ठाकुर ने अविस्मरणीय छाप छोड़ी : पीएम मोदी

Last Updated 24 Jan 2024 10:56:14 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) की जन्म-शताब्दी पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनकी विरासत के नाम पर राजनीति कर रहे विपक्षी दलों पर बड़ा हमला बोला है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मोदी ने कहा कि इस विशेष अवसर पर उनकी सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अपने लेख में उनके जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी त्रासदी यह रही थी कि कर्पूरी जी जैसे कुछ नेताओं को छोड़कर सामाजिक न्याय की बात बस एक राजनीतिक नारा बनकर रह गई थी।

उनके विजन से प्रेरित होकर हमने इसे एक प्रभावी गवर्नेंस मॉडल के रूप में लागू किया। मैं विश्वास और गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की उपलब्धि पर आज जननायक जरूर गौरवान्वित होते। गरीबी से बाहर निकलने वालों में समाज के सबसे पिछड़े तबके के लोग सबसे ज्यादा हैं, जो आजादी के 70 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे।"

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार निरंतर जननायक कर्पूरी ठाकुर से प्रेरणा लेते हुए काम कर रही है जो उसकी नीतियों और योजनाओं में भी दिखाई देता है।

उन्होंने कांग्रेस के साथ खड़े आरजेडी, सपा और जेडीयू जैसे तमाम दलों पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि अपने आदर्शों के लिए कर्पूरी ठाकुर की प्रतिबद्धता ऐसी थी कि उस कालखंड में भी "जब सब ओर कांग्रेस का राज था, उन्होंने कांग्रेस विरोधी लाइन पर चलने का फैसला किया"। उन्हें काफी पहले ही इस बात का अंदाजा हो गया था कि कांग्रेस अपने बुनियादी सिद्धांतों से भटक गई है।

मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए उनका समर्पण भाव, भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ही दिख गया था, जिसमें उन्होंने अपने-आप को झोंक दिया। उन्होंने देश पर जबरन थोपे गए आपातकाल का भी पुरजोर विरोध किया था। जे.पी. (जय प्रकाश नारायण), डॉ. (राम मनोहर) लोहिया और (चौधरी) चरण सिंह जैसी विभूतियां भी उनसे काफी प्रभावित हुई थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें कर्पूरी ठाकुर से कभी मिलने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन उनके साथ बेहद करीब से काम करने वाले कैलाशपति मिश्र से उनके बारे में बहुत कुछ सुना है। सामाजिक न्याय के लिए कर्पूरी बाबू ने जो प्रयास किए, उससे करोड़ों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया। उनका संबंध नाई समाज, यानि समाज के अति पिछड़े वर्ग से था। अनेक चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने कई उपलब्धियों को हासिल किया और जीवनभर समाज के उत्थान के लिए काम करते रहे।

उन्होंने कहा, "हम आज सैचुरेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं, ताकि प्रत्येक योजना का लाभ, शत प्रतिशत लाभार्थियों को मिले। इस दिशा में हमारे प्रयास सामाजिक न्याय के प्रति सरकार के संकल्प को दिखाते हैं। आज जब मुद्रा लोन से ओबीसी,एससी और एसटी समुदाय के लोग उद्यमी बन रहे हैं, तो यह कर्पूरी ठाकुर के आर्थिक स्वतंत्रता के सपनों को पूरा कर रहा है।

इसी तरह हमारी सरकार है, जिसने एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाया है। हमें ओबीसी आयोग (दुःख की बात है कि कांग्रेस ने इसका विरोध किया था) की स्थापना करने का भी अवसर प्राप्त हुआ, जो कि कर्पूरी ठाकुर के दिखाए रास्ते पर काम कर रहा है। कुछ समय पहले शुरू की गई पीएम-विश्वकर्मा योजना भी देश में ओबीसी समुदाय के करोड़ों लोगों के लिए समृद्धि के नए रास्ते बनाएगी।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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