Bihar Jati Janganana 2023 : जाति आधारित जनगणना और नीतीश के बयानों के लिए याद रहेगा 2023

Last Updated 24 Dec 2023 11:31:18 AM IST

कुछ दिनों के बाद वर्ष 2023 गुजर जाएगा और वर्ष 2024 शुरू हो जाएगा। अगर 2023 की बात करें तो यह वर्ष जहां बिहार में जाति आधारित जनगणना और सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का कोटा बढ़ाने के लिए याद किया जाएगा।


वहीं यह वर्ष आमतौर पर संयमित नेता के रूप में पहचान बनाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए गए बयानों के लिए भी जाना जाएगा। बिहार में इस साल शुरू से लेकर अब तक सियासत में सबसे अधिक चर्चा जाति आधारित गणना तथा सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की रही। इस दौरान प्रदेश में जाति आधारित सर्वेक्षण भी हुआ और उसकी रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का दायरा भी बढ़ाया गया।

ऐसा नहीं है कि जाति आधारित गणना की गूंज बिहार तक ही सीमित रही। दिल्ली से लेकर अन्य राज्यों में भी यह मुद्दा पूरे वर्ष गूंजता रहा।

हाल में ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा उठता रहा। हालांकि प्रदेश में जाति आधारित गणना कराने की मंजूरी एनडीए सरकार में ही हो गई थी, लेकिन महागठबंधन की सरकार ने इस साल तमाम कानूनी और राजनीतिक बाधाओं को पार करते हुए प्रदेश में जाति आधारित गणना करवायी।

इस सर्वेक्षण के आधार पर एससी और एसटी के अलावा अति पिछड़ा समाज के लिए राज्य में आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा भले ही जाति आधारित गणना से दूर भागती रही हो लेकिन बिहार में भाजपा ने इस गणना और आरक्षण बढ़ाए जाने के समर्थन में खड़ी रही।

इस साल बिहार में शिक्षक नियुक्ति का मामला भी खूब गर्म रहा। नीतीश सरकार ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा इस साल एक लाख से अधिक शिक्षकों को नौकरी भी दी।

पिछले विधानसभा चुनाव में राजद के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था।

यह साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयानों को लेकर भी याद किया जाएगा। साल के उत्तरार्द्ध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विधानमंडल के दोनो सदनों में जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में महिलाओं को लेकर दिया गया विवादास्पद बयान प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में बना रहा। नीतीश कुमार को अपने इस बयान के लिए माफी तक मांगनी पड़ी।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से भी दूरी बना ली। इस दौरान विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर तू तड़ाक़ के नीतीश के बयान भी राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहे।

इसके अलावा भी नीतीश कुमार के कई बयान भी इस साल खूब चर्चा में रहे। मोतिहारी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष भाजपा के नेताओं की तरफ इशारा करते हुए 'आपलोगों को कभी छोड़ सकता हूं ' बयान से भी प्रदेश की सियासत खूब गर्म रही।

बहरहाल, लोग अब 2023 की खट्टे मीठे यादों के साथ वर्ष 2024 के स्वागत की तैयारियों में जुट गए हैं, जिससे आने वाला वर्ष सुखद खबरों को लेकर आए।

आईएएनएस
बिहार


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment