बिहार के जातीय सर्वे को BJP ने बताया फर्जी, पिछड़े व अति-पिछड़े समाज के साथ बेईमानी

Last Updated 03 Oct 2023 10:31:25 AM IST

बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Government) ने 02 अक्टूबर को जाति-आधारित सर्वेक्षण (Caste Based Survey) की रिपोर्ट जारी की। अब भाजपा ने इसको पिछड़े व अति-पिछड़े समाज के साथ बेईमानी बताया है।


भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने बिहार की नीतीश-तेजस्वी सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए इसे फेक और पिछड़े व अति-पिछड़े समाज के साथ बेईमानी करार दिया है।

मालवीय ने जातीय सर्वे के आंकड़ों को शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा," अगर बिहार के जातीय सर्वे के आंकड़ों को गौर से देखें तो बिहार की जातीय गणना का योग 100 प्रतिशत दिखाया गया है। उसी तरह सभी धर्मों के लोगों का योग भी 100 प्रतिशत है। इसका मतलब यह हुआ कि या तो यह सर्वे भ्रामक है, ग़लत है या फिर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने लगभग सभी अल्पसंख्यकों को पिछड़ा या अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करके हिंदू समाज के वंचित वर्ग के साथ अन्याय किया है! "

मालवीय ने आगे कहा कि,"बाबा साहेब ने कहा था कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं हो सकता है। मंडल कमीशन ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पिछड़े हिंदू समाज से धर्मांतरण करके अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल हुये लोगों को ही सिर्फ़ आरक्षण का लाभ मिलेगा, सभी अल्पसंख्यकों को नहीं। यह सर्वे फ़ेक है और पिछड़े व अति-पिछड़े समाज के साथ बेईमानी भी। "

आईएएनएस
नई दिल्ली


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