बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने बिहार पहुंची भारत निर्वाचन आयोग की टीम बुधवार को बिहार के मुख्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं और विचार को जानने की कोशिश की।
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बिहार में सत्तारूढ जनता दल (युनाइटेड) के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग से चुनावी सभाओं में अधिक भीड़ जुटने का मामला उठाते हुए उस पर संशय को लेकर प्रश्न उठाए।
बैठक के बाद बाहर निकले जदयू के नेता और राज्य के मंत्री अशोक चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि उनकी पार्टी ने चुनावी सभाओं में सीमित भीड़ को लेकर राजनीतिक पार्टियों के संशय को लेकर मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि जहां पर सभा होगी, वहां अगर ज्यादा भीड़ हो जाती है तो उसे कैसे रोका जाएगा।
उन्होंने कहा कि 80 साल से ज्यादा बुजुर्गो को बैलेट पेपर से चुनाव के लिए 12क का फॉर्म भरना है। उन्होंने आयोग से मांग की है कि चुनाव आयोग के कर्मचारी खुद घर जाकर ऐसे बुजुर्गो से ये फॉर्म भरवाए, जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिले।
लोजपा के प्रतिनिधिमंडल ने पंचायत चुनाव की तर्ज पर मतदान केंद्र बनाने की मांग की जबकि कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव में मतदान के दिन प्रत्येक 10 मतदान केंद्रों पर एक मेडिकल टीम रखने की मांग की है।
राजद के प्रतिनिधियों में शामिल सांसद मनोज झा ने सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने की चुनाव आयोग से मांग की है। पार्टी ने ऐसे अधिकारियों पर भी नजर रखने की मांग की है, जिनका संबंध सत्ता पक्ष के नेताओं से है।
उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग की एक टीम बिहार के दौरे पर है और बैठकों का दौर जारी है।
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