कृषि सुधार विधेयक देशहित में, किसानों को होगा लाभ : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को लेकर विपक्षियों के जबरदस्त विरोध के बीच आज कहा कि यह विधेयक किसान और देश के हित में है तथा इससे कृषकों को काफी लाभ होगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार में 14260 करोड़ रुपये की लागत से 350 किलोमीटर लंबी नौ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं के शिलान्यास तथा हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर से इंटरनेट सुविधा के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र के विकास के लिए संसद से पारित दो विधेयक गांव और किसान के हित में है। इसके तहत किसान जहां चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में ही बिहार में उनकी सरकार ने कृषि उपज बाजार समिति अधिनियम (एपीएमसी) को समाप्त किया था।
मुख्यमंत्री ने राज्यसभा में रविवार को कृषि सुधारों से संबंधित दो विधेयकों को पारित किये जाने की प्रक्रिया के दौरान उप सभापति के आसन के समक्ष विपक्षी सदस्य के अमर्यादित आचरण को निंदनीय बताया और कहा कि इससे संसद की गरिमा को चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि एपीएमसी से काफी दिक्कत थी। बिहार में एपीएमसी अधिनियम हटाते वक्त बिहार विधानमंडल में भी विपक्ष ने कुछ ऐसा ही किया था। ये लोग चर्चा से भाग गए थे। अब पूरे देश में एपीएमसी अधिनियम को हटाया गया है। इससे किसान पूरे देश में कहीं पर और किसी को भी अपनी उपज बेच सकते हैं।
श्री कुमार ने कृषि सुधार से संबंधित नये विधेयक लाने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि इसके तहत संविदा कृषि से किसान लाभान्वित होंगे। यह काम आम लोगों के हक में हुआ है। इसका लाभ सभी लोगों को मिलेगा। लोगों की आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) के माध्यम से अनाज खरीद का क्रियान्वयन किया जाता है।
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