बिहार : सुशांत मामले की जांच करने मुंबई गए आईपीएस अधिकारी देर रात पटना लौटे

Last Updated 08 Aug 2020 11:52:02 AM IST

सुशांत आत्महत्या मामले की जांच करने मुंबई गए पटना के नगर पुलिस उपाधीक्षक आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी शुक्रवार की देर रात पटना पहुंच गए।


आईपीएस विनय तिवारी (फाइल फोटो)

उन्हें रिसिव करने के लिए खुद पटना हवाईअड्डे पर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस की जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही थी। पटना लौटने के बाद आईपीएस अधिकारी तिवारी ने जांच के विषय में पत्रकारों से बहुत कुछ तो नहीं कहा, हालांकि इतना जरूर कहा कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) बीएमसी ने उन्हें मुंबई में क्वारंटीन नहीं करता, तो चार-पांच दिन में जांच में और प्रगति होती तथा कुछ और लोगों से पूछताछ की जाती, कुछ और सबूत जुटाए जाते। उन्होंने कहा कि वहां क्या हुआ, यह सबने देखा है।

तिवारी ने कहा, "बिहार पुलिस की जांच तेजी से सही दिशा में आगे बढ़ रही थी।"

उन्होंने कहा कि बिहार से मुंबई अधिकारिक दौरे पर उनके जाने से पहले मुंबई पुलिस को सबकुछ नियमानुकूल बताया गया था। फिर भी उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया।

आईपीएस अधिकारी ने कहा, "वहां जाने के बाद रविवार को मैं पहले से गए अपने पुलिस अधिकरियों से मिला। इसके बाद रात को बीएमसी के अधिकारियों ने नियम का हवाला देते हुए क्वारंटाइन में रहने की बात बताई। मैंने मुंबई में प्रशासन को पूरा सहयोग दिया।"

इससे पहले, तिवारी मुंबई से भाया हैदराबाद पटना पहुंचे थे।

उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई को सुशांत सिंह राजपूत मामले में उनके पिता के.के. सिंह द्वारा पटना के राजीवनगर थाना में दर्ज कराए गए मामले के बाद बिहार की चार सदस्यीय पुलिस टीम जांच के लिए मुंबई भेजी गई थी। इसके दो दिन के बाद पटना नगर पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को भी जांच के लिए मुंबई भेज गया, लेकिन कोरोना को लेकर क्वारंटीन कर दिया गया।

शुक्रवार को बीएमसी ने आईपीएस अधिकारी को बीएमसी ने मुक्त किया।

उल्लेखनीय है कि बाद में बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा कर दी।

बिहार के लिए रवाना होने से ठीक पहले पटना (सेंट्रल) एसपी विनय तिवारी ने शुक्रवार को आरोप लगाते हुए कहा कि, "क्वारंटाइन मुझे नहीं किया गया बल्कि सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच को किया गया है।" बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को 6 दिनों तक होम क्वारंटाइन करने के बाद मुक्त कर दिया और कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार, शनिवार (8 अगस्त) के पहले मुंबई छोड़ने का निर्देश दिया।

मुंबई से रवाना होने से पहले तिवारी ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत की।

तिवारी ने कहा, "महाराष्ट्र सरकार ने मुझे आइसोलेट नहीं किया बल्कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच को क्वारंटाइन किया।"

तिवारी ने कहा कि उन्हें किसी भी बीएमसी अधिकारी ने व्यक्तिगत रूप से सूचित नहीं किया कि वह क्वारंटाइन से मुक्त होकर जा सकते हैं। उन्होंने कहा, "बीएमसी ने मुझे केवल एक संदेश भेजा है और मैं उसी के अनुसार पटना के लिए रवाना हो रहा हूं।"

गुरुवार देर रात के आदेश में, बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त पी. वेलरासु ने तिवारी को होम क्वारंटाइन से राहत देने की अनुमति दी।

गौरतलब है कि बिहार पुलिस ने गुरुवार को बीएमसी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि तिवारी को अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने के लिए अपने गृह राज्य में वापसी के लिए होम क्वारंटाइन से छोड़ा जाना चाहिए।

बिहार पुलिस ने यह भी बताया कि मुंबई में अब उनकी आवश्यकता नहीं है और उनकी वापसी की अवधि 7 दिनों के भीतर थी।

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच के लिए 2015 बैच के एक आईपीएस अधिकारी तिवारी 2 अगस्त को पटना से यहां पहुंचे थे।

हालांकि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार, उन्हें गोरेगांव में एसआरपीएफ गेस्ट हाउस में होम क्वारंटाइन कर लिया गया था।
 

आईएएनएस
पटना


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