बिहार में नदियां उफान पर, कई क्षेत्रों में घुसा बाढ़ का पानी

Last Updated 13 Jul 2020 05:47:31 PM IST

बिहार के साथ नेपाल में हो रही बारिश के कारण राज्य की नदियां उफान पर हैं। राज्य के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।


राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धी हुई है, जिससे राज्य की प्रमुख नदियां सोमवार को कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

बिहार जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता ए़ क़े झा ने सोमवार को बताया कि बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डूबाधार, कटौंझा तथा मुजफ्फरपुर के बेनीबाद और दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि कमला बलान जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

इधर, ललबकैया पूर्वी चंपारण में खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि महानंदा किशनगंज और पूर्णिया के ढंगराघाट में तथा घाघरा सीवान के दरौली में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।

कोसी के जलस्तर में मामूली कमी देखी जा रही है। कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार सुबह छह बजे 2.07 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे घटकर 2.02 लाख क्यूसेक हो गया। गंडक नदी का जलस्तर बाल्मीकिनगर बराज के पास सुबह आठ बजे 2.51 लाख क्यूसेक था।

पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर में बाढ़ का पानी अब गांवों में घुस गया है। घरों में बाढ़ का पानी घुसने की वजह से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। गोपालगंज के कुचायकोट के काला मटिहनिया, सदर प्रखंड का मंगुरहा, मसान थाना, मलाही टोला, मकसूदपुर खाप और हीरापाकड़ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि मांझागढ़ प्रखंड के कई गांव जो नदी के चिले इलाके में बसे हुए हैं, वहां भी बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।

गोपालगंज के जिलाधिकारी अरशद अजीज लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

इधर, पूर्वी चंपारण और मधुबनी में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है। मधेपुरा के आलमनगर और चौरसा प्रखंड के कई गांवों में तो किशनगंज के दिघलबैक टेढ़ागाछ और ठाकुरगंज प्रखंडों के गांवों में तथा अररिया के पलासी, जोगबनी, सिकटी प्रखंड के गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बाढ़ से राहत और बचाव का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
 

आईएएनएस
पटना


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