मानसून के प्रारंभ में ही नदियां उफनाई, मुजफ्फरपुर में बाढ़ की स्थिति
मानसून के प्रारंभ होने के साथ ही नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद बागमती के जलस्तर में हो रही वृद्घि से मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस बीच कई क्षेत्रों में आवागमन ठप हो गया है।
![]() (फाइल फोटो) |
इधर, कटरा में पीपा पुल बह जाने के बाद 14 से ज्यादा पंचायतों के प्रखंड और जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। मुजफ्फरपुर के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि बागमती के जलस्तर में मंगलवार देर रात करीब चार फीट की वृद्घि हुई। इससे बकुची स्थित बागमती पर बना पीपा पुल तेज धार में बह गया। इससे प्रखंड मुख्यालय से 14 पंचायत का आवागमन बाधित हो गया, वहीं बेनीबाद-बकुची-औराई मुख्य मार्ग में बसघट्टा बागमती बांध के निकट बना डायवर्सन नदी की तेज धारा में टूट गया, जिससे इस मुख्य मार्ग में एक-दो स्थानों पर सड़क पर पानी चढ़ गया।
जलस्तर में वृद्घि को देखते हुए लोग अब उंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। इधर, बागमती नदी की दक्षिण उपधारा पर मधुबनप्रताप व अतरार घाट पर बना चचरी पुल ध्वस्त होकर नदी में बह गया। इस कारण 50 हजार लोगों के समक्ष आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
बागमती तटबंध के दक्षिणी क्षेत्र के लोग चचरी के सहारे कम दूरी तय कर प्रखंड व जिला मुख्यालय पहुंच जाते थे। कई गांवों में नाव का परिचालन शुरू कर दिया गया है।
इधर, बागमती का पानी 'वेटलैंड' (चौर) क्षेत्र में पानी बढ़ने के साथ ही किसानों की परेशानी भी बढ़ने लगी है। बकुची, पतारी सहित कई गांव में किसानों की सब्जी के फसल डूबने लगी है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
इधर, जिला प्रशासन ने बाढ़ को लेकर तैयारी पूरी होने का दावा कर रही है। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि तटबंधों की मरम्मत का अधिकांश काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जिले में चार यूनिट एसडीआरएफ की तैनाती के आदेश दिए गए हैं। जिले में उपलब्ध छह मोटरवोट को तैयार रखा गया है। जिला प्रशासन ने आश्रय स्थलों की सूची बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
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